कार्यवाही के डर से एनएच पर बल्करों का डेरा

(Anil Tiwari+7000362359)
शहडोल। बीती रात से सूबेदार अभिनव राव और यातायात प्रभारी के द्वारा की जा रही बल्करों की जांच और कार्यवाही का हल्ला पूरे संभाग में हो रहा है, चचाई स्थित अमरकंटक थर्मल पावर केंद्र के साथ ही जैतहरी स्थित हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट से ओवरलोड होकर शहडोल की ओर आ रहे बल्करों की जांच और कार्यवाही बीती रात से लेकर अभी तक लगातार जारी है, पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही की खबर दलालों और बल्कर मालिक व चालकों के माध्यम से हर दूसरे बल्कर के चालक तक पहुंच चुकी है, जिसका असर यह रहा कि शहडोल से बुढार मार्ग पर एनएच-43 में जगह-जगह बंल्करो ने अपना डेरा बना लिया है, ओवरलोड होकर दौड़ रहे बल्कर एनएच-43 पर शहडोल से लेकर अनूपपुर तक सड़क के किनारे और आसपास डेरा जमाए हुए हैं और इस बात का इंतजार किया जा रहा है कि जब पुलिस की कार्यवाही ठंडी पड़ जाए तो, वहां से निकल कर सीमेंट प्लांट तक पहुंच जाए, उपपुलिस अधीक्षक यातायात ने बताया अभी तक 32 ओव्हर लोड बल्करों पर कार्यवाही की गई है, यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।
प्लांट के जिम्मेदार पर कौन कसेगा नकेल
सड़कों की लोड सहने की क्षमता सीमित हैं, लेकिन लगातार चचाई ,जैतहरी के राखड़ निश्चित वजन से ज्यादा मात्रा में लेकर सड़को में निकलती है और सड़के जो पूर्व के वर्षाे में बनी है, वह जगह -जगह टूटने लगी है, इससे सरकार को तो क्षति हो ही रही है, अगर इसी गति से बल्करों और कैप्सूलों द्वारा ओव्हर लोड लेकर परिवहन किया गया तो, आने वाले समय में सड़के परिवहन विभाग सहित जिम्मेदारों को मुंह चिढ़ाने लगेंगी, मजे की बात तो यह है कि कार्यवाही के नाम पर पुलिस विभाग तो बल्करों पर कार्यवाही कर रहा है, लेकिन कभी भी जिले या संभाग का अमला पॉवर प्लांट द्वारा आखिर किसके द्वारा ओव्हर लोड राखड़ दी जाती है, उसके विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाती। जबकि सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का कार्य में लोक सम्पति निवारण अधिनियम 1948 के तहत मामला पंजीबद्व हो सकता है।
ओव्हर लोड कैप्सूल बना था मौत कारण
शहडोल-सीधी जिले के बघवार नहर में बस दुर्घटना को कौन भुला सकता है, जिसमें 54 लोगों को अपनी जिन्दगी से हाथ धोना पड़ा था। बस दुर्घटना भी ओव्हर लोड बल्कर के घाट में पलट जाने के कारण लगे जाम की वजह से ही हुई थी, खबर है कि राखड़ परिवहन करने वाले 10 चका वाहन में 25 टन वाहन सहित वजन होना चाहिए, लेकिन 35 से 38 टन भार लेकर उक्त वाहन चलता है,12 चका के वाहन में 31 टन के जगह 38 से 40 टन,14 चका के वाहनों में 37 टन की जगह 50 टन, 22 चका के वाहनों में निर्धारित क्षमता 49 टन की जगह 75 से 80 टन को लोडिंग की जा रही है, जिससे सड़कों के जहां परखर्चे उड़ रहे हैं, वहीं इस ओव्हर लोड के खेल में अवैध कारोबार को भी बढ़ावा मिल रहा है। जहां से बल्करों को ओव्हर लोड भरा जाता है, वहां बैठे जिम्मेदार पर जब तक सख्त कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की जायेगी, तब तक यह पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना रहेगा।