रद्दी टोकरी में कमिश्नर का आदेश

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तबादला आदेश को नहीं मान रहे कर्मचारी

शहडोल। छोटे-छोटे कर्मचारी भी बड़े-बड़े अधिकारियों के आदेशों की किस तरह से धज्जियां उड़ाते हैं, इसका एक जीता-जागता उदाहरण सामने आया है। 4 माह पूर्व 22 जुलाई को शहडोल संभाग के कमिश्नर नरेश पाल द्वारा आदेश जारी कर विभिन्न विभागों के 18 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों स्थानांतरण किया गया था, इस आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा था कि तीन दिन के अंदर कर्मचारी अपनी शाखाओं का प्रभार सौंपकर नवीन संस्था में उपस्थित होकर प्रतिवेदन दें। परन्तु 4 माह बाद भी विकास खण्ड कार्यालय बुढ़ार में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 शरद वर्मा ने कमिश्नर के उक्त आदेश का पालन नहीं किया। इसी तरह कुछ और कर्मचारियों ने भी कमिश्नर के आदेश रद्दी की टोकरी में फेंक दिया।
मलाईदार कुर्सियों को नहीं छोडऩा चाहते लिपिक
विकास खण्ड कार्यालय बुढ़ार में सहायक ग्रेड-3 शरद वर्मा लंबे समय से मलाईदार कुर्सी में विराजमान हैं। इसलिए इस कुर्सी का मोह उन्हें इतना ज्यादा है कि वे कमिश्नर के आदेश को न मानने की अनुशासन हीनता करने में आमादा हैं। इतना ही नहीं राज एक्सप्रेस के पूछने पर वे यह कहते हैं कि 22 जुलाई को जारी को जारी कमिश्नर का उक्त आदेश कमिश्नर ने स्वयं रद्द कर दिया है, इसलिए उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया।
क्या है कमिश्नर का आदेश
22 जुलाई को कमिश्नर ने जो आदेश जारी किया है, उसमें उल्लेख है कि संभागीय उपायुक्त आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग शहडोल से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार कार्यालय परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिम जाति विकास परियोजना शहडोल, सहायक परियोजना प्रशासक आदिवासी विकास शहडोल, विकास खण्ड अधिकारी सोहागपुर, जयसिंहनगर, गोहपारू एवं बुढ़ार में पदस्थ तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी अमले को प्रशासकीय दृष्टि से आगामी आदेश तक स्थानांतरित किया जाता है। इस आदेश में 18 कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है, जिसमें उल्लेख है कि 03 दिवस के अंदर अपनी शाखाओं का प्रभार सौंपकर नवीन संस्था में उपस्थित हों।
लिपिक शरद वर्मा को कहां देना था ज्वाइनिंग
विकास खण्ड कार्यालय बुढ़ार में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 शरद वर्मा को कमिश्नर के उक्त आदेश के मुताबिक उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुढ़ार में ज्वाइनिंग देना था। सूत्रों का कहना है कि शरद वर्मा जिस कुर्सी में बैठते हैं, उसमें शिकायत शाखा का प्रभार भी स्वयं लिये हुए हैं, जबकि इनकी नियुक्ति को लेकर ही संशय की स्थिति हैं।
इनका कहना है…
22 जुलाई 2020 को मैनें उक्त आदेश जारी किया था, लेकिन उसका पालन हुआ है या नहीं मुझे जानकारी नहीं है, जानकारी लेकर उचित कार्यवाही की जायेगी।
नरेश पाल
कमिश्नर
शहडोल संभाग

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