जिलाध्यक्ष बैण्ड बजवाते रहे, मार्ग बदलकर निकल गये एनएसयूआई के नेता

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(अनिल तिवारी)

शनिवार को एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव का शहडोल आगमन हुआ, सुबह एनएसयूआई ने डेढ़ बजे पत्रकारवार्ता का न्योता बांटा, कांग्रेस प्रवक्ता ने 3 बजे का न्योता बांटा, फिर एनएसयूआई ने साढ़े 3 बजे का न्योता बांटा, दोनों ही स्थानों पर तैयारियां हुईं, सब पशोपेश में थे, आखिर कांग्रेस को ये हो क्या गया है।

शहडोल। केन्द्र और प्रदेश के साथ ही स्थानीय निकायों तक से सत्ता से बाहर होने के बाद भी जिले के कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी खत्म होती नहीं दिख रही है, अजय सिंह, कमलनाथ, विवेक तन्खा सहित अन्य कई गुटों में बटी कांग्रेस चारो खाने चित्त होने के बाद भी अहम में डूबी नजर आ रही है। शनिवार को शहडोल में जो हुआ वह हर किसी नागरिक की जुबान पर है, एक तरफ शहडोल के कांग्रेसी आगामी उपचुनावों में अनूपपुर विधानसभा जीतने का ढोल पीट रहे हैं, वहीं शनिवार को गुटो में बटी कांग्रेस के जिम्मेदारों ने एक-दूसरे के गुट को नीचा दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यदि यही हालात रहे तो, अनूपपुर चुनाव जीतना तो दूर, कांग्रेस के प्रत्याशी को वहां अपनी जमानत बचाना तक मुश्किल हो सकता है।
यह हुआ शनिवार को

शनिवार की सुबह एनएसयूआई के आशीष तिवारी ने पत्रकारों को दोपहर डेढ़ बजे छात्र संगठन के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्यप्रदेश के प्रभारी नितीश गौण के साथ पत्रकारवार्ता कर आमंत्रण दिया, 1 बजे पत्रकारवार्ता का समय परिवर्तित कर 3.30 और स्थान अजय अवस्थी का टाल तय किया गया, इसी बीच जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. हुसैन की प्रेस विज्ञप्ति जारी हुई और उक्त नेता की पत्रकारवार्ता कांग्रेस कार्यालय में दोपहर 3 बजे आयोजित होने व शामिल होने का आमंत्रण दिया गया।
ढोल बजते रहे, बदल गया मार्ग

दोपहर करीब 3 बजे कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारवार्ता का आयोजन हुआ, बैण्ड-बाजों के साथ कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह भवन के नीचे फूल-माला लेकर सड़क मार्ग से यहां पहुंच रहे नेता का इंतजार करते रहे, लेकिन नेताजी के सारथियों ने मार्ग ही बदल दिया, जानबूझकर उन्हें दूसरे लंबे रास्ते से घूमाकर ठीक साढ़े 3 बजे अजय अवस्थी के टाल ले जाया गया।

सर गया सन्नाटा

दूसरे गुट के द्वारा बाजी मार ले जाने की खबर जब कांग्रेस कार्यालय पहुंची तो, यहां थोड़ी ही देर में सन्नाटा पसर गया, वहीं टाल में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया, हालाकि एनएसयूआई के प्रभारी ने पूरी स्थिति को भांपते हुए टाल के कार्यक्रम के बाद कांग्रेस कार्यालय में भी अपनी आमद दर्ज कराई।

पहली बार नहीं हुआ ऐसा
2 से 3 दिनों पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी.प्रजापति का भी शहडोल आगमन हुआ था, इस दौरान सुभाष गुप्ता का गुट हावी नजर आया, ऐसा नहीं है कि जिले में सिर्फ दो ही गुट हो, इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट की भी यहां धमक थी, इसके अलावा जबलपुर के तन्खा गुट व अन्य गुट भी अपने-अपने हिसाब से विपक्ष को कम पार्टी के पदाधिकारियों व अन्य गुटों को कमतर करने में ज्यादा ऊर्जा खर्च करते नजर आते रहे हैं।

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