वनविहार ढावा के आगे हो रहा अतिक्रमण, दो वर्ष पूर्व यहां से हटाया गया था कब्जा

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अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद,राजस्व अमला मौन
(सतीश तिवारी – 9424333370)
ब्यौहारी।शहडोल मार्ग में बनविहार ढावा के पास बाउंड्री बनाकर अतिक्रमण किया जा रहा है।करीब तीन साल पहले यहां से राजस्व,पुलिस और नगर परिषद की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण हटाकर बेदखल किया था। पर अब फिर से अतिक्रमणकारी उक्त नजूल भूमि पर पक्की बाउंड्री बनाकर बेजा कब्जा कर रहा है। स्थानीय प्रशासन ने वर्ष 2020-21 में वहां पर हो रहे अतिक्रमण को बेदखल किया था। वनविहार ढावा सहित आसपास हो रहे अवैध कब्जे को जमींदोज किया गया था। लेकिन अब फिर वहां पर अतिक्रमणकारी सांठगांठ कर बाउंड्री बना कब्जा कर रहा है। रीवा शहडोल मुख्यमार्ग में बनविहार ढावा के पास आदिवासी कोल जाति के लोग आबाद है। उसके आगे की भूमि सरकारी बताई जा रही थी। लेकिन कुछ समय से वहां  भू माफिया वा राजस्व अमला मिली भगत कर  सड़क किनारे की बेशकीमती जमीन हथियाने की फिराक में लगा हुआ है। कुछ ने तो वहां के  आदिवासियों की भूमि का नियम विरुद्ध तरीके से फर्जी लिखा-पढ़ी कराकर वहां अपना दावा ठोंक कब्जा कर रहे हैं।
अतिक्रमणकारी जंगल से लगी नजूल की भूमि पर बेजाकब्जा कर वहां बाउंड्री निर्माण करा रहा है। लेकिन यहां का जिम्मेदार अमला जानकर भी अनजान बना हुआ है। जिससे आपसी मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
रीवा शहडोल मुख्य मार्ग के किनारे  वन विहार ढाबा के आसपास बसे आदिवासियों की भूमियों पर षडयंत्र पूर्वक रसूखदार अवैध कब्जा कर रहे हैं यहां आदिवासियों के नाम  जमीनें खरीदी बेंजी जा रही है
प्रशासन के लिए चुनौती बने भू माफिया
 अनुसूचित जनजातिवर्ग की जमीन अन्य वर्ग को बेंचने को लेकर राज्य में सख्त कानून लागू है। कानून में प्रावधान है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग की कृषि भूमि इसी वर्ग के व्यक्तियों के बीच हस्तांतरित हो सकती है। यदि किसी अन्य वर्ग द्वारा जमीन खरीदी जाती है तो इसे शून्य माना जाता है।  इस कानून के पीछे मंशा यह थी कि एसटी वर्ग की जमीनें बनी रहे। कोई दबंग उनकी जमीन न हड़प लें। लेकिन शहर के कुछ प्रभावशाली लोग इस प्रावधान का दुरुपयोग लगातार सुनियोजित तरीके से कर रहे हैं।  आखिर कब तक भोले-भाले आदिवासियों का शोषण होता रहेगा।
शासकीय भूमि पर बेजाकब्जा नहीं होने दिया जाएगा। यदि ऐसा हो रहा है तो तहसीलदार से जांच करा लेते हैं। रही आदिवासियों की जमीन का मामला तो उसमें एक आवेदन दिला दीजिए जांच करा लेते हैं।और फिर कार्यवाही करते हैं।
 नारेन्द्र सिंह धुर्वे 
एसडीएम,ब्यौहारी

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