बढ़ी कीमत ने बदल दी वारिस की नीयत डेढ़ वर्ष पहले मां ने किया था रूपया लेकर विक्रय अनुबंध
शहडोल। जिले के बुढ़ार थाना क्षेत्र अंतर्गत धनपुरी नगर पालिका के पुराने वार्ड नंबर 1 स्थित एक भू-खण्ड का सौदा केशनी बाई पति शोभानाथ कुशवाहा ने नोमानुल्ला व जावेद अली के साथ किया था। हालाकि उस दौरान उस भू-खण्ड का पूर्ण स्वामित्व केशनी बाई का नहीं था, लेकिन रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में इन सभी बातों का उल्लेख करते हुए नगद व चेक के माध्यम से 2 लाख 65 हजार रूपये लिये और 10 लाख में सौदा तय किया गया। चूंकि केशनी बाई पति शोभनाथ के स्वामित्व वाले उक्त भू-खण्ड का विवाद इनके परिवार के अन्य लोगों के साथ माननीय न्यायालय में विचाराधीन था, इसलिए दोनों पक्षों में यह तय हुआ कि विवाद खत्म होते ही रजिस्ट्री करा दी जायेगी।
40 बार किश्तों में ली रकम
दोनों क्रेताओं ने अपने ऊपर सूदखोरी के आरोप लगने के बाद 21 नवम्बर को एडीओपी धनपुरी सहित बुढ़ार थाने और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दिये गये पत्र में विस्तृत उल्लेख करते हुए रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के साथ ही समय-समय पर दी गई खाते व नगद की राशि की जानकारी दी है, यही नहीं हर बार मृतिका केशनी बाई, उसके पति शोभनाथ और बेटे रोहित से क्रेता ने रूपये देते वक्त हस्ताक्षर भी करवाये थे, जो पुलिस को फारेंसिक जांच के लिए दिये गये हैं। कुल 40 किश्तों में नगद व खाते मिलाकर क्रेता से 20 लाख रूपये लिये गये।
मौत ने बदल दी नीयत
बीते 22 सितम्बर को अनुबंध कर रूपये लेने वाली केशनी बाई की मौत हो गई। मौत के अगले दिनों में भी शोभनाथ ने 10 हजार और 5 हजार करके 2 किश्तों में अंतिम संस्कार के लिए रूपये लिये, लेकिन 15 से 20 दिनों बाद जब सौदे की याद दिलाकर भू-खण्ड के हस्तांतरण की बात की तो, पिता और पुत्र वादे से पलट गये और संभवत: उन्होंने चोरी छुपे फौती वारिसान के नाम पर हस्तांतरित कर पट्टा बनवाया और 40 से 45 लाख रूपये में किसी अन्य से कुछ राशि एडवांस लेकर विक्रय का अनुबंध कर दिया।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
पूरे मामले में मजे की बात तो यह है कि जब नोमानुल्ला और जाबिर अली ने अनुबंध के लिए दबाव डाला तो, रोहित ने थाने में जाकर ब्याज पर रकम देने और दबाव डालने की शिकायत की। यही नहीं दोनों क्रेताओं की 20 लाख की राशि हजम करने के फेर में लड़कियों से छेड़छाड़ व अन्य मामलों में फंसाने की भी धमकी दी। विधाओं की और न ही डॉक्टरों की कमी है जिला अस्पताल में : कलेक्टर