सुने कक्का…बड़ी कंपनी की आड़ में झा-ड़ काट रहे साहब
(Shubham Tiwari+91 78793 08359)
शहडोल। वर्दी वाले ऑफिसों के साथ ही अब कई आफिसों में चर्चा जमकर है कि झा-ड़ जमकर काट रहे हैं, चौराहे मे चर्चा थी कि रास्ता तो एक ही है, बड़ी कंपनी का नाम बताओ और कंपनी से बड़ा पैकेट लाकर छोटा पैकेट साहबों को दे-दो और उसी आड़ में अपना झा-ड़ काट लो, बड़ी कंपनी का नाम 2014 के बाद से बहुत चला है, तब से गैस भी खूब उड़ी है, बता रहे हैं कि गैस उडऩे और भेजने में भी साहब ने शहर से लेकर छोटी और बड़ी राजधानी तक कंपनी की धौंस दिखाकर तरह-तरह के झा-ड़ काटे हैं, पुराने साहब के समय से नया जुगाड़ बनाया और इसी दौरान के.के. जन्म हुआ, राहू-केतू के ऊपर शनि भारी पड़ा और झा-ड़ आज तक आड़ में छुपा हुआ है। ठेके पर जुगाड़ से आये जिम्मेदार बड़ी कंपनी से भिडऩा नहीं चाहते और बड़े-बड़े झा-ड़ और झा-ड़ो की आड़ में के.के. का पुर्नजन्म और ठीहो की गद्दी भी बदल दी गई। मजा तो तब आया जब लोग चौराहे पर के.के. को कबाड़ और कोयला के नाम से संबोधित करने लगे। अब झा-ड़ कितनी देर तक आड़ में रहता है, यह देखना बाकी है।