राजस्व नियमों में संशोधन का लाभ आम जनता को दिलाना सुनिश्चित करें : कलेक्टर
राजस्व नियमों में हुए संशोधनों की जानकारी आम जन तक पहुंचानें हेतु
जिला स्तरीय कार्यशाला संपन्न
उमरिया। राज्य शासन द्वारा राजस्व संबंधित नियमों का सरलीकरण करने के साथ ही आम जनता को राजस्व संबंधी समस्याओ के निराकरण हेतु आनलाईन सेवाएं प्रारंभ की गई है, जिनका लाभ आम जनता को मिले तथा इसकी जानकारी आम जनता को हो सके, इसी उद्देश्य से जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया। इस आशय के विचार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कार्यशाला में संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कलेक्टर ने कहा कि शासन द्वारा भूमि डायवर्सन का अधिकार भूमि मालिक को दिया गया है। इसके साथ ही आबादी सर्वेक्षण तथा धारणा अधिकार अधिनियम बनाए गए है। अब नामांतरण के पश्चात राजस्व अधिकारी को भू अभिलेख मे प्रवृष्टि खसरा एवं नकल प्रदाय करनें तथा ऋण पुस्तिका जारी करने के साथ ही प्रकरण समाप्त माना जाएगा। इसके साथ ही राजस्व विभाग द्वारा आरसीएमएस के माध्यम से राजस्व न्यायालयों की समीक्षा प्रारंभ की गई है। अब राजस्व अधिकारी को समस्त प्रकरण आनलाईन करनें होगे।
प्रशिक्षक पंकज नयन तिवारी ने बताया कि 25 सितंबर 2018 को भू राजस्व संहिता मे संशोधन किया गया है। विभाग द्वारा पोर्टल के माध्यम से सेवाएं प्रारंभ की गई है। 264 धाराओ में से 39 धाराओ को विलोपित कर दिया गया है तथा 75 धाराओं में संशोधन किया गया है। अब भू-राजस्व संहिता में 17 अध्याय एवं 261 धाराएं है। शासन द्वारा डायवर्सन का अधिकार आनलाईन करनें के साथ ही डायवर्सन फीस का निर्धारण भी नियमों के तहत भू-धारक को दे दिया गया है। अब नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी प्लाट का नक्सा तैयार किया जा रहा है। शासन द्वारा अविवादित नामांतरण के निपटारे की अवधि 30 दिन तथा अभिलेख उपलब्ध करानें तक की सीमा 60 दिवस तथा विवादित नामांतरण के निपटारें की सीमा पांच माह, अभिलेख उपलब्ध करानें तक की सीमा 6 माह कर दी गई है। कार्यशाला में आनलाईन पोर्टल संचालन, आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी के साथ ही प्रतिभागियों की शंकाओ का समाधान भी किया गया। कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत ईला तिवारी, समस्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार, पटवारी, अधिवक्ता, जनप्रतिनिधि धनुषधारी सिंह, शंभूलाल खट्टर सहित आम जन उपस्थित रहे।