निर्वाचन ड्युटी में अधिकारी-कर्मचारी, माफियाओं का कारोबार बेखौफ जारी
निर्वाचन ड्युटी में अधिकारी-कर्मचारी, माफियाओं का कारोबार बेखौफ जारी
कोयलांचल में रेत, कबाड व जुआ के संचालन में वृद्वि, पुलिस बल मजबूर
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श चारण संहित लागू है, जहां जिलेभर के अधिकारी, कर्मचारी व पुलिस बल निर्वाचन कार्य में व्यस्त है, जिसका फायदा उठाते हुए अवैध कारोबारी बैखौफ अपने कार्य को अंजाम दे रहे है। कोयलांचल में जहां रेत चोर सक्रिय है वही जुआ का संचालन में बेधडक जारी है, जिला प्रशासन को इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाने हेतु कुछ उपाए सोचना चाहिए।
अनूपपुर। कोयलांचल नगर अवैध कारोबार के नाम से अपनी पहचान बना चुकी है, आमतौर पर यहां अवैध गतिविधियों का संचालन बेखौफ होता रहता है, पुलिस कार्यवाही तो करती है, लेकिन कठोर कार्यवाही न होने से कुछ दिन बाद फिर से अवैध कारोबार का संचालन शुरू कर दिया जाता है। वर्तमान में आदर्श आचरण संहिता लागू है, जिलेभर के अधिकारी ,कर्मचारी व पुलिस अमला चुनाव ड्युटी में सक्रियता के साथ लगा हुआ है, थानो में कम पुलिस बल मौजूद होने की वजह से रात्रि में कठिनाई व जंगली क्षेत्रों में जाना मुश्किल होता है, जिसका फायदा उठाकर माफिया अपने अवैध करोबार को रोजाना अंजाम देते है।
रेत माफियाओ में नही रहा खाकी का खौफ
भालूमाडा थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे चौबीसो घंटे रेत माफियाओ द्वारा अवैध रेत का उत्खनन व परिवहन लगातार किया जा रहा है, जिसकी लगातार शिकायत भी की जाती है, लेकिन शिकायतो के बाद भी भालूमाडा थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार बंध नही हो पाया। रेत माफियाओ को संरक्षण देना अब पुलिस प्रशासन के लिए भी मजबूरी बन चुकी है, जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व बगडुमरा नाला के पास पुलिस और रेत माफियाओ के बीच जमकर झडप और गाली गलौज हुई, उसके बाद रेत माफियाओ ने स्थानीय गुंडो के बल पर अवैध रेत से लदे ट्रैक्टर को पुलिस के कब्जे से छुडाकर भागने मे सफल रहे, इसके बाद भी भालूमाडा थाना प्रभारी उन पर कार्यवाही करने का साहस नही जुटा सके। रेत माफियाओ द्वारा आज भी सोन नदी के मुंदरी घाट, झूलनिया घाट, बगडुमरा नाला, देवराज बाबा, शिकारपुर, शिवलहराघाट, कुशलाबहरा मार्ग के पोंडी घाट, गोडारू नदी घाट, चोलना घाट पुल के पास से दिन-रात रेत की अवैध चोरी कर राजस्व को करोडो रूपये का नुकसान पहुचा रहे।
रेत माफियाओ का आतंक

जिले भर मे कानून व्यवस्था बेहतर करने को लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थाना प्रभारियो को सख्त निर्देश दिए गए है, साथ ही प्रतिदिन की सभी शिकायतो को लेकर पुलिस अधीक्षक को सूचित करने को कहा है, लेकिन पुलिस अधीक्षक के ऐसे प्रयासो पर तब ग्रहण लगता दिखाई देता है जब भालूमाडा थाना क्षेत्र अंतर्गत तीन-तीन विभाग के नौकरशाहो की मौजूदगी के बाद भी रेत माफिया पूरी तरह सक्रिय होकर चोलना के झुलनिया घाट मे सुबह छ: बजे से लेकर शाम दिन में अवैध रेत का उत्खनन व परिवहन बेखौफ होकर कर रहे है। अवैध उत्खनन के मामले मे थाना प्रभारी की शिथिलता अब उनके लिए ही चुनौती बन चुकी है, जिसका उदाहरण कुछ दिन पूर्व बेखौफ रेत माफिया और चार पुलिसकर्मी के बीच हुआ घटनाक्रम है। रेत माफियाओ के इस आतंक ने भालूमाडा थाना क्षेत्र अंतर्गत सुशासन के दावे के धागे खोल कर रख दिए है।
पुलिस मजबूर या बना रही बहाना

रेत माफियाओ और पुलिस कर्मी के बीच हुई खींचतान मामले को लेकर भालूमाडा थाना प्रभारी ने उक्त रेत माफियाओ के खिलाफ मुहिम चलाने की जगह पूरे मामले को छुपाने मे लगे रहे, जिससे उनकी नाकामी पर पर्दा डाला जा सके। चाहे भले ही समूचे पुलिस प्रशासन का मखौल उडता रहे, मगर खुद की किरकिरी होने से बचा जा सके। आखिर थाना प्रभारी को किस बात का डर सता रहा कि वह अपने सह पुलिसकर्मी का हौसला आफजाई कर ऐसे रेत माफियाओ को चिन्हित कर कार्यवाही करने का साहस नही जुटा पा रहे। जानकारी अनुसार बगडुमरा निवासी कोमल ने दारसागर निवासी बाल प्रसाद के ट्रैक्टर को कृषि कार्य के नाम पर गहन रखा था, जिससे कोमल कृषि के अतिरिक्त रेत चोरी मे उसका उपयोग करने लगा। 7 अक्टूबर की रात जब उक्त ट्रैक्टर से रेत की चोरी का मामला प्रकाश मे आने के बाद ट्रैक्टर मालिक को पुलिस ने थाने बुलाकर गहन रखने के कागज चेक कर जाने दिया। सवाल यही उठता है कि जब पुलिस ट्रैक्टर के जरिए मालिक तक पँहुचने में सफल रही तो उस रात रेत का अवैध रेत की चोरी करने वाले तक कैसे नही पँहुची या फिर पूरे मामले को सेटल कर खानापूर्ति कर दी गयी।
इन घाटो पर रेत माफिया सक्रिय

जमुना कोतमा क्षेत्र की जीवन दायिनी कही जाने वाली केवई नदी मे संचालित रेत खदानो का टेंडर खत्म होते ही रेत माफियाओ की अचानक बाढ़ सी आ गयी जिसके कारण दिन-रात चोलना के मुंदरी घाट, सोन नदी के झुलनिया घाट, देवराज बाबा, पयारी घाट, भेडवा नाला, बगडुमरा घाट, शिकारपुर, कुशलाबहरा मार्ग के पोंडी घाट, ग्राम पंचायत पोंडी में राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप पुलिया के नीचे, गोडारू नदी समेत दर्जनो ऐसे घाट है जिनसे अवैध रेत का उत्खनन कर जीवन दायनी नदी के सीने को कुछ पुलिसकर्मी की सहभागिता से छलनी किया जा रहा और चोरी की रेत को 5000/- रुपए प्रति ट्राली की दर से क्षेत्र के जरूरतमंदो एवं ग्राम पंचायतो मे खपाया जा रहा प्राप्त जानकारी के अनुसार रात ड्यूटी मे तैनात कुछ पुलिसकर्मी के आशीर्वाद से आधी रात के दरम्यान रेत माफियाओ से सांठगांठ के बाद अवैध रेत से लदे वाहनो के परिवहन को हरी झंडी दी जाती है।
प्रभारी बने रेत माफियाओ के लाडले
कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत लतार उप चौकी मे डिप्टी रेंजर मिश्रा के रहते हुए चौकी के आसपास बिछियाडांड ,कुशलाबहरा, लतार के घाट से चोरी की रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन लगातार दिन रात जारी रहता है वही मलगा चौकी के डिप्टी रेंजर राजकुमार के होते हुए रात भर चौकी के पास से अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर पार होते है बावजूद इसके वन विभाग की चौकी मे विराजमान डिप्टी रेंजर ,बीट गार्ड कार्यवाही के झूठे दावे कर अपनी सांठगांठ के कारण संरक्षण देकर अपनी बेशर्मी का नमूना प्रस्तुत कर रहे है जिसके कारण रेत माफिया लेबरो की टोली लाकर रात भर रेत का उत्खनन कर इक_ा करवाते है और हरी झंडी मिलते ही चोरी की रेत परिवहन करके राजस्व को करोडो रूपए का नुकसान पँहुचा अपनी जेबे गर्म करते है। यदि रात ड्यूटी मे तैनात बीट गार्डो एवं पुलिस आरक्षको के मोबाईल नंबर की जाँच की जाए तो कही रेत माफियाओ के साथ गुटुर गू करने वाले नौकरशाहो के चेहरे बेनकाब हो जाएगें और ढोल के अंदर पोल की कहावत सच होते देर नही लगेगी।
खनिज विभाग नकेल कसने मे रहा नाकाम
जमुना कोतमा क्षेत्र में खनिज विभाग की निष्क्रियता के कारण रेत माफियाओ की सक्रियता चरम पर है जिस कारण रेत के अवैध व्यसायी रेत उत्खनन कर लाखो करोडो रूपए के राजस्व का नुकसान कर रहे है लेकिन पुलिस प्रशासन के साथ ही खनिज विभाग का अमला भी पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। केवई और सोन नदी के किनारों पर जगह जगह रेत का अवैध उत्खनन कराया जा रहा है। और ऐसा भी नही कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी भनक नही है इसके बाद भी अब तक महज एक कार्यवाही करने को लेकर खनिज विभाग साहस नही जुटा सका, निजी भवन सहित पंचायतो के निर्माण कार्यो मे अवैध रेत की बडी खेप को इक_ा कर पहुचाया जाता है जिस रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन के नजारे को आम जन मानस सहजता से देख पाता है उसे प्रशासनिक अधिकारी देख पाने मे सक्षम नही है जिस कारण रेत का अवैध व्यापार जोरो से फलने फूलने लगा है।
इनका कहना है
पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नही होने के कारण कार्यवाही का अभाव है, अगर दो पुलिस कर्मी रेत चोरी रोकने जायेंगे तो कोई भी घटना घट सकती है, खनिज विभाग से बात की कीजिए अगर वह साथ दें तो हम एकजुट होकर कार्यवाही कर सकते है।
आर.के. दाहिया, थाना प्रभारी भालूमाडा
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आप मुझे जानकारी उपलबध करा दीजिए, मैं कार्यवाही के निर्देश देता हूं।
जीतेन्द्र पवार, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर