दीपावली पर्व पर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
शहडोल। क्षेत्रीय कार्यालय मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल के द्वारा माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के नियमों के परिपालनार्थ पर्यावरण जन – जागरूकता एवं जन जागरण के उद्देश्य से शासकीय रघुराज स्कूल, गाँधी चौक, शहडोल में वाद विवाद प्रतियोगिता/कार्यशाला का आयोजन 29 अक्टुबर को किया गया, ग्रीन दिवाली मनाये संजीव मेहरा ने बताया कि दिवाली से पहले और बाद के पिछले वर्षों के आँकड़े इस बात का स्पष्ट संदेश देते हैं कि पर्यावरण को बचाने के लिए पटाखों से दूरी बनानी जरूरी है। खुशी का इजहार करना है तो बच्चों के साथ ग्रीन दिवाली मनाये माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है।
हालांकि इसके लिए समय सीमा रात्रिकाल में 08 बजे से 10 बजे तय की गई है। ग्रीन पटाखों से वातावरण में पी.एम.-10 और पी.एम.-2.5 उत्सर्जित नहीं होता है। ग्रीन दिवाली रंगोली बनाकर तथा मिट्टी के साथ ही दीयों की माला बनाकर भी की जा सकती है।
पटाखे जलाने से होता ये खतरनाक असर पटाखे जलाने से ज्यादा आबादी वाले शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, साथ ही सर्दी के मौसम में एयर क्वालिटी इंडेक्स पहले से ही खराब स्थिति में होता है।
कोरोना वायरस महामारी (Corona virus Pandemic) के चलते पटाखे जलाना और ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि प्रदूषण की वजह से मानव शरीर की रोग प्रतिरोधिक क्षमता इम्यूनिटी कमजोर होती है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। नागरिकों को वायु प्रदूषण से स्वास संबंधी रोग होते हैं एवं नेत्रों में भी विकार उत्पन्न होते हैं।
दीपावली प्रकाश का पर्व है, परंतु दीपावली के समय लाल, पीली एवं बैगनी रोशनी कारक विभिन्न प्रकार के पटाखों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। पटाखों में रोशनी तथा ध्वनि उत्पन्न करने हेतु हानिकारक रसायनो का इस्तेमाल किया जाता है, ज्वलनशील एवं हानिकारक पटाखों के कारण परिवेश वायु में प्रदूषक तत्व एवं ध्वनि स्तर में वृद्धि हो कर पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कुछ पटाखों से उत्पन्न ध्वनि की तीव्रता 100 डेसिबल से अधिक होता है । इस प्रकार के वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाना अति आवश्यक है, जिससे मानव अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है । दीपावली के त्योहार के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। पटाखों के जलने से निकलने वाले धुएँ के कारण वायु काफी प्रदूषित हो जाती है। जिससे लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत होती है। भारी मात्रा में पटाखों को जलाने से उक्त प्रभाव दिवाली के कई दिनों बाद तक
बना रहता हैं।
वाद विवाद प्रतियोगिता पर्यावरण जन जागरूकता एवं जन जागरण के उद्देश्य से शासकीय रघुराज स्कूल शहडोल में वाद विवाद प्रतियोगिता /कार्यशाला का आयोजन किया गया । क्षेत्रीय कार्यालय मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल के सौजन्य से शासकीय रघुराज विद्यालय, शहडोल में वाद विवाद प्रतियोगिता /कार्यशाला का आयोजन किया गया प्रतियोगिता में सभी विद्यार्थियों ने सक्रियता पूर्वक भाग लेकर पटाखों से होने वाले प्रदूषण के पक्ष विपक्ष में अपने – अपने विचार रखे पटाखों से होने वाले प्रदूषण के बारे में बताया गया, वाद विवाद प्रतियोगिता में सम्मिलित विद्यार्थियों को प्रथम पुरस्कार दीपांशु गुप्ता, द्वितीय पुरस्कार प्रशांत विश्वकर्मा तथा तृतीय पुरस्कार साक्षी मेहरा को पुरस्कृत किया किया गया । विद्यालय के प्रोफेसर एवं शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को प्रथम पुरस्कारद्वारा सक्रियता पूर्वक भाग लिया गया। इस कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय कार्यालय शहडोल की ओर से क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा, प्रयोगशाला प्रभारी डॉ. ए.के. दुबे, कनिष्ठ वैज्ञानिक जी.के. बैगा, जे.एस.ऐ. श्सौरभ मिश्रा तथा विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।