हरीश चंद्र के राज में लुट रही पंचायतें!
लिपिक ने भतीजे के नाम पर खोल रखी है फर्म
बंद फर्म को पंचायतों ने किये लाखों के भुगतान
(शुभम तिवारी)
शहडोल। जिले की जयसिंहनगर जनपद में पदस्थ लिपिक बेनी प्रसाद माधव जनपद में बैठे अधिकारियों से मैनेजमेंट कर नौकरी के साथ भतीजे के नाम पर दुकानदारी भी कर रहे हैं। जनपद की दर्जनों पंचायतों में दबाव बनाकर मटेरियल सप्लाई का कारोबार किया गया है, आरोप हैं कि मेसर्स चतुर्वेदी ट्रेडर्स नामक फर्म अपने भतीजे के नाम पर रजिस्टर्ड करवाकर उसमें लाखों के भुगतान करवाये गये हैं। जबकि पंचायत राज्य अधिनियम अंतर्गत ऐसा करने की स्पष्ट मनाही है, सूत्रों की माने तो जिम्मेदारों के संरक्षण के चलते मैनेजमेंट का खेल खुलेआम चल रहा है।
खुद सहित अन्य की पंचायतें कब्जे में
जयसिंहनगर जनपद में पदस्थ बेनी प्रसाद माधव सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ हैं, आरोप है कि कथित बाबू के भतीजे द्वारा ग्राम पंचायत जमुनिहा, बसोहरा, सरवाही, दरौड़ी, उचेहरा, बरना, छूदा, देवरी, चंदेला, टेटका, कोडार, झारा में लाखों की सप्लाई की गई है, मजे की बात तो यह है कि जमीन पर उक्त फर्म कहां संचालित हो रही है, यह चाचा-भतीजे के अलावा जिन ग्राम पंचायतों के बिल लगे हैं, उन्हें ही मालूम हैं, जनपद में बैठे बेनीप्रसाद माधव द्वारा पद का दुरूपयोग करते हुए पंचायत पर भतीजे के ही फर्म से मटेरियल क्रय करने का दबाव डाला जाता है।
बंद फर्म में लाखों का भुगतान
बेनी माधव चतुर्वेदी द्वारा पंचायतों में मेसर्स चतुर्वेदी ट्रेडर्स नामक फर्म से सप्लाई की जा रही है, फर्म का जीएसटी नंबर 23 एवाईजेडपीसी 4989 पी 1 जेडए है, जो बेनी माधव चतुर्वेदी के भतीजे आशीष चतुर्वेदी के नाम पर वाणिज्यकर कार्यालय में एक दिसम्बर 2019 तक पंजीकृत थी, फर्म का रजिस्ट्रेशन 17 जनवरी 2018 को वाणिज्यकर विभाग में कराया गया था, उसके बाद 01 दिसम्बर 2019 को उक्त फर्म का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाने के बाद भी उक्त फर्म द्वारा जमुनिहा पंचायत में 17 जुलाई 2021 तक सप्लाई ऑनलाईन करते नजर आ रहे हैं, जहां एक ओर जनपद के जिम्मेदारों द्वारा कथित बाबू पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई, वहीं दूसरी ओर बंद फर्म होने के बावजूद वाणिज्य कर विभाग भी मौन साधे हुए है।
यह कह रहा पंचायत अधिनियम
मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 अंतर्गत पंचायतों व शासकीय सेवकों के द्वारा खुद या अपने किसी सगे रिश्तेदार के नाम पर, खुद के टेबिल या हस्ताक्षर से होकर किये जाने वाले भुगतानों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के पृष्ठ क्रमांक 189 अंतर्गत अध्याय 8 में पंचायत की स्थापना, बजट तथा लेखे में यह स्पष्टीकरण टीप किया गया है कि उपधारा के प्रयोजन के लिए अभिव्यक्ति का नातेदार जिसका अर्थ पिता, माता, भाई, बहन, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, ससुर, सास, साला, बहनोई, देवर, साली, भाभी, ननद, देवरी, जेठानी, दामाद या पुत्र वधु के नाम की फर्म के लिए भुगतान करना अधिनियम का उल्लंघन होगा।
इनका कहना है…
पंचायत राज्य अधिनियम में क्या है, यह जानकारी नहीं है, आप हमें उपलब्ध करा दीजिए, पूर्व में भी शिकायतें मिली थी, जिसकी दो सदस्यीय टीम जांच कर रही है, जांच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई, जांच रिपार्ट आने के बाद विधि संगत कार्यवाही की जायेगी।
हरीश चंद्र द्विवेदी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जयसिंहनगर