रेलवे का दोहरा मापदण्ड: कहीं जनरल टिकट तो, कहीं रिजर्वेशन

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नहीं दे रहा जनरल टिकट
महंगी टिकट खरीदकर करनी पड़ रही यात्रा
(शुभम तिवारी-7879308359)
शहडोल। इसे रेलवे का कुप्रबंधन कहे या स्थानीय नेताओं की अकर्मण्यता, जिले से होकर गुजरने वाली लम्बी दूरी की ट्रेनों की कमी पहले से ही थी साथ ही कोरोना काल में रही सही कसर ट्रेनों को बंद करके पूरी हो गयी। हालात सामान्य होते ही रेलवे प्रशासन ने पुन: ट्रेनों का संचालन प्रारंभ तो कर दिया, लेकिन ट्रेनों में सीट आरक्षित कर की अनिवार्यता लागू कर दी, जिसे यात्रियों ने स्वीकार कर भी लिया। देश के सभी मंडलों में जनरल सीट भी आरक्षित कर ट्रेनों में लोग सफर करने लगे। हालात और सुधरने पर पश्चिम मध्य रेल मंडल ने क्षेत्र से गुजरने वाली कुछ ट्रेनों में जनरल टिकट लेकर यात्री करने की व्यवस्था को बहाल का दिया, लेकिन यह व्यवस्था आज भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मंडल में यह व्यवस्था आज भी लागू नहीं हो पाई है, जिसका नतीजा है कि एक ही ट्रेन का दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन जनरल टिकट नहीं दे रहा जबकि पश्चिम मध्य रेलवे उसी ट्रेन का जनरल टिकट जारी कर रहा है। रेलवे का यह दोहरा मापदंड समझ से परे है। हाल ही में एक यात्री जो कि सामान्य टिकट से यात्रा कर के 18235 ट्रेन से दमोह से बिरसिंहपुर तक आया था ने बताया कि पश्चिम मध्य रेलवे मंडल के दमोह स्टेशन में सामान्य टिकट मैंने लेकर बिरसिंहपुर तक कि यात्रा की है ,जब कि यही से दमोह जाने के लिए 18236 ट्रेन में बिना रिजर्वेशन के प्रवेश करने भी नहीं मिल रहा था।
नेताओं की अकर्मण्यता
बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन का एवं सीआईसी रेल सेक्शन का दुर्भाग्य है कि यहां का जनप्रतिनिधि जो केंद्रीय नेतृत्व को बिलॉन्ग करता है जनप्रतिनिधियों के सुस्त रवैया के चलते रेलवे का लाभ इस सेक्शन के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे ने भोपाल- बिलासपुर, जबलपुर-अंबिकापुर में जनरल टिकट अपने स्टेशनों से प्रारंभ कर दिया।लेकिन एसईसीआर के स्टेशनों में जनरल टिकट आज भी इन ट्रेनों के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रही।
गुड्स के लिए नहीं कोई नियम
जब रेलवे ने जनरल टिकट की सुविधा चालू कर दी है तो, बिलासपुर जोन इस मामले में पीछे क्यों है। गरीबों की ट्रेन में ज्यादा किराया वसूल किया जाना न्याय संगत नहीं है। आज तक शहडोल स्टेशन से होकर गुजरने वाली पूरी ट्रेनें भी नहीं चल पाई हैं। जबकि गुड्स ट्रेनों के लिए कोई नियम कानून नहीं है, यह ट्रेन बेहिचक चल रही हैं, लेकिन यात्री ट्रेनों पर काम का बहाना बताकर ट्रेनों को निरस्त कर दिया जाता है । सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के के बड़े-बड़े नेता उमरिया जैसे जिला मुख्यालय पर काफी ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं करा पाए, वही जैतहरी में भी ट्रेनों का स्टॉपेज आज तक नहीं मिला है।