सर्पदंश से हुई पुत्र की मौत पर आर्थिक सहायता राशि के लिए 3 साल से भटकता शिब्बू बैगा

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(जयप्रकाश शर्मा)

मानपुर/उमरिया-
बीते तीन साल पहले सर्पदंश से पुत्र की मौत होने पर शासन से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि के लिए बैगा आदिवासी बुजुर्ग कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहा है, हैरानी की बात ये है कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन देने के बाद भी उसकी समस्या का निराकरण नही हुआ।

मामला उमरिया जिले के मानपुर का है
मानपुर के खुटार निवासी शिब्बू बैगा पिता टिहूआ बैगा ने बताया उसके पुत्र साजन बैगा की सर्प काटने से से वर्ष 2017 में मौत हो गई थी। जिस पर पूरी जांच और कार्यवाही हुई, और शासन से मिलने वाली सहायता राशि के लिए पूरी प्रक्रिया कर ली गई। वहीं मृतक साजन बैगा की रखैल पत्नी सुनीता बाई अपने पति की मौत के करीब 1 माह के अंदर ही दूसरा पति कर ली, यानी दूसरे पति के रूप में विनोद बैगा पिता पप्पू बैगा निवासी ग्राम चिनकी थानां पाली जिला उमरिया को पति के रूप ने स्वीकार कर पत्नी बनकर रहने लगी। इधर सहायता राशि के लिए अधिकारियों को आवेदन देकर शिब्बू बैगा भटक रहा है ,लेकिन उसे कोई सहायता राशि नही मिली। शिब्बू बैगा ने आरोप लगाते हुए कहा कि दलालो के प्रभाव से उसके बेटे की मौत पर मिलने वाली सहायता राशि सुनीता बाई को दिलाई जा रही है जिस पर तत्काल रोंक लगाते हुए प्रार्थी शिब्बू बैगा को राशि दिलाई जाए। शिब्बू बैगा ने यह भी बताया कि उसका मृतक पुत्र ही उनके जीवन का सहारा था और वे सब उसी पर आश्रित थे, अब जब सहायता राशि उसे न मिलेगी तो वे भूंखो मर जाएंगे। ऐसे में वे ही सहायता राशि पाने के वाजिब हकदार हैं जिसका नवागत कलेक्टर से निराकरण कर सहायता राशि दिलाये जाने की मांग की गई है।

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