भंडार क्रय नियम की चांदपुर में उड़ी धज्जियां

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बगैर काम कराये हुआ शासकीय राशि का आहरण

शिकायतों के बाद भी नही तय हो पा रही जिम्मेदारी

 

उमरिया। जिले की लगभग जनपदों की ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं, लेकिन पंचायती राज के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों को बचाने में जुटे हुए हैं, कमीशन खोरी के चलते सीसी रोड, नाली, कूप और तालाब से लेकर हर निर्माण कार्य बेहद घटिया स्तर की सामग्री से किया गया है, साथ ही पुराने निर्माण कार्य को दिखाकर, उसकी राशि आहरित की गई है, इस तरह के भ्रष्टाचार में सरपंच और रोजगार सहायक ही नहीं बल्कि, पंचायत विभाग के इंजीनियर, एसडीओ और जनपद में बैठे अफसर भी अहम भूमिका निभा रहे है।
भ्रष्टाचार से उठ सकता है पर्दा
प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास कार्यों के लिए लाखों करोड़ों रुपए गरीब जनता के लिए पंचायतों को दे रही है, मगर क्या गरीबों को योजनाओं का लाभ जनपद पंचायत दे पा रही हैं, सूत्रों की माने तो बिरसिंहपुर की ग्राम पंचायत चांदपुर में पंचायत दर्पण पोर्टल में लाखों रुपए के फर्जी भुगतान के बिल देखे जा सकते हैं। रोजगार सहायक अशोक सिंह एवं सरपंच छोटे लाल बैगा ने बिना निर्माण कार्य के राशि आहरण किया, 06 मई 2019 को 1 लाख 10 हजार आहरण किया एवं 27अप्रैल को 64 हजार 392 रूपये का आहरण किया गया, लेकिन उक्त राशि का उपयोग कहां किया गया, अगर इसकी जांच हो जाये तो, भ्रष्टाचार से पर्दा उठ सकता है।
पाली से आ रही निर्माण सामग्री
जनपद पंचायत बिरसिंहपुर की ग्राम पंचायत चांदपुर में पदस्थ रोजगार सहायक अशोक सिंह द्वारा मनमानी कर अपने पदीय कर्तव्यों के विरूद्ध खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। रोजगार सहायक के रवैये से जहां ग्रामवासी परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर शासन को खुलेआम चूना लग रहा है। मजे की बात तो यह है कि ग्राम पंचायत चांदपुर से जनपद मुख्यालय की दूरी लगभग 20 किलोमीटर होगी, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत घुनघुटी की दूरी महज 4 से 5 किलोमीटर की होगी, कथित जिम्मेदार द्वारा ग्राम पंचायत में उपयोग होने वाली निर्माण सामाग्री घुनघुटी से न लेकर बिरसिंहपुर पाली से लेने पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
नहीं हुआ नियमों का पालन
ग्राम पंचायत बिल लगाये गये, सरपंच एवं रोजगार सहायक द्वारा उक्त खरीदी में म.प्र. भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन करते हुए नियम विरूद्ध खरीदी की गई है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद स्तर के अधिकारियों को नहीं है, लेकिन जिले में ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक तक जिम्मेदारी जनपद में बैठे जिम्मेदार तय न कर पाये, यह उनकी कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा करती है। वहीं अब रोजगार सहायक की नियुक्ति पर भी सवाल उठना शुरू हो गये हैं।

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