शिक्षक संतोष मिश्रा के विज्ञान पर बनाए वीडियो पंद्रह लाख बार से अधिक देखे गए

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शहडोल। शिक्षा के क्षेत्र में आई सी टी का उपयोग कर विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए संतोष कुमार मिश्रा ने शहडोल संभाग में शुरुआत की थी, उसके लाभ देश ही नहीं पड़ोसी देश के छात्र भी ले रहे हैं। शासकीय हाई स्कूल पुलिस लाइन में पदस्थ विज्ञान शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने ढाई वर्ष पहले यूट्यूब के माध्यम से छात्रों को ई कंटेंट उपलब्ध कराने का जो कार्य शुरू किया था वो आज भी अनवरत रूप से जारी है, निरंतर लगन के साथ किये गए कार्य का परिणाम है कि उनके द्वारा बनाये गए विडियो को सराहा जा रहा है, ऑनलाइन शिक्षण में उन्होनें अपनी एक नई पहचान बनाई है और सबसे बड़ी बात अभी तक उन्होंने यूट्यूब से कोई राशि नहीं ली है।
पंद्रह लाख से अधिक बार देखा गया वीडियो
श्री मिश्रा के द्वारा विज्ञान विषय के शैक्षणिक वीडियो, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण जागरूकता से सम्बंधित 220 से अधिक वीडियो यूट्यूब में अपलोड किये गए, छात्रों को ये विडियो बहुत पसंद आय, छात्रों की रूचि का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन 220 वीडियो को अभी तक पंद्रह लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है, हजारों बार इन वीडियो को विभिन्न माध्यमों से शेयर किया जा चुका है।
लॉक डाउन के दौरान छात्रों को व्यस्त रखा
लॉक डाउन के दौरान छात्र घर में थे, छात्रों को व्यस्त रखने के लिए श्री मिश्रा ने घर से ही 140 से ज्यादा शैक्षणिक वीडियो बनाये और छात्रों को शेयर किया जिसे 8 लाख से ज्यादा बार लॉक डाउन के दौरान देखा गया 7 लॉक डाउन के दौरान छात्रों के लिए शैक्षणिक वीडियो के अतिरिक्त भारतीय वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में भी वीडियो बनाकर छात्रों को शेयर किया ताकि इनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर सके।
सत्तर हजार तीन सौ घंटे देखा जा चुका है वीडियो
श्री मिश्रा के द्वारा अपलोड विडियो को अभी तक सत्तर हजार तीन सौ घंटे देखा जा चुका है, यदि इन घंटों को वर्ष में बदले तो आठ वर्ष के समय के बराबर श्री मिश्रा के वीडियो को देखा जा चुका है, इतने ज्यादा समय तक विडियो को देखा जाना वीडियो के प्रति छात्रों की रूचि को प्रदर्शित करता है, ढाई साल के अन्दर श्री मिश्रा के चैनल को तेईस हजार सात सौ सत्तर लोगों के द्वारा सब्सक्राइब किया जा चुका है।
पडोसी देशों में भी देखा जाता है
श्री मिश्रा के चैनल को प्रदेश और देश में ही नहीं पडोसी देशों में भी देखा जाता है , यूट्यूब एनालिटिक्स के अनुसार चैनल को देश ही नहीं पड़ोसी देशों में भी देखा जा रहा है, पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश के हजारों छात्र भी चैनल के माध्यम से लाभ उठा रहे हैं।

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