कैमोर में अवैध निर्माण पर चला प्रशासन का बुलडोजर भाजपा नेता नीलू रजक हत्याकांड के मुख्य आरोपी का बताया जा रहा मकान जमींदोज
कैमोर में अवैध निर्माण पर चला प्रशासन का बुलडोजर
भाजपा नेता नीलू रजक हत्याकांड के मुख्य आरोपी का बताया जा रहा मकान जमींदोज
कटनी।। जिले के कैमोर नगर क्षेत्र अंतर्गत अमरैया पार स्थित एक अवैध रूप से निर्मित भवन पर बुधवार को जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चला दिया। कार्रवाई से एक दिन पूर्व ही अतिक्रमण में रह रहे परिवार को विधिवत सूचना देकर मकान खाली करा लिया गया था। बुधवार सुबह जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
कार्रवाई के दौरान मौके पर तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, नगर परिषद कैमोर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ), डीएसपी विजयराघवगढ़, कैमोर, विजयराघवगढ़ व महिला थाना प्रभारी सहित आसपास के थानों और पुलिस लाइन से बुलाया गया अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद रहा। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार नगर परिषद द्वारा यह कार्रवाई अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने की सतत प्रक्रिया के तहत की गई है। अवैध निर्माणकर्ता को पूर्व में नोटिस जारी कर सुनवाई का पूरा अवसर दिया गया था। माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए नियमानुसार समय और आदेश देने के बाद ही यह कार्रवाई की गई। जांच में भवन से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके, जिसके चलते अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अमल में लाई गई।
तीन जेसीबी मशीनों की मदद से अवैध रूप से निर्मित मकान को पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया। कार्रवाई से पहले मकान में रह रहे परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
इधर, इस कार्रवाई को भाजपा नेता नीलेश उर्फ नीलू रजक हत्याकांड से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिस अवैध भवन पर कार्रवाई की गई, वह हत्या के मुख्य आरोपी अकरम खान द्वारा निर्मित था और उसके पास भवन से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज नहीं थे। इसी कारण प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की।
गौरतलब है कि 28 अक्टूबर को भाजपा नेता नीलेश रजक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि अकरम खान ने अपने साथी प्रिंस जोसफ के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद विजयराघवगढ़ और कैमोर क्षेत्र में भारी तनाव, बाजार बंद और प्रदर्शन की स्थिति बन गई थी। हालात को नियंत्रित करने के लिए आईजी, डीआईजी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और पांच जिलों का पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अगले ही दिन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
हालांकि जिला कलेक्टर आशीष तिवारी ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई किसी एक प्रकरण से जुड़ी नहीं है, बल्कि अवैध निर्माण हटाने की नियमित और सतत प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जो आगे भी जारी रहेगी।