कोल कारोबारीयों के वर्चस्व की लड़ाई और प्रशासन कर रहा माथा पच्ची
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कोल कारोबारीयों के वर्चस्व की लड़ाई और प्रशासन कर रहा माथा पच्ची
रेलवे की कोल साइडिंग से होता है पूरा खेला
ललितपुर पावर प्लांट तक कोयला पहुंचने की जद्दोजहज
अनूपपुर। जिले के अंतिम छोर में बिजुरी में स्थित रेलवे की कोल साइडिंग से ललितपुर पावर प्लांट तक कोयला पहुंचने के काम और इस काम की आड़ में मलाई खाने के फेर में बड़े-बड़े कोल कारोबारियों की आपसी लड़ाई ने प्रशासन के लिए सरदर्द खड़ा कर दिया है, हालांकि अब इस लड़ाई के बीच में एसटीएफ की टीम भी पहुंच चुकी है, भूसे में भूसे के ढेर में सुई ढूंढने की कवायत जैसी कहावत को यह पूरा मामला चरितार्थ कर रहा है, बीते दो दिन पहले राजनगर पुलिस के द्वारा जब देर रात कोयले से लदे पांच ट्रेलरों को पकड़ा गया और उसमें दस्तावेजों की जांच की गई तो पुलिस खुद सिर पीटती हुई नजर आई, एक तरफ ट्रक ले जा रहे चालकों के पास स्थानीय आमाडांड कालरी की ETP थी,वहीं दूसरी ईटीपी सीधी से कटी हुई बताई गई, हालांकि कुछ जानकारी पुलिस ने खुद से हासिल की और बाकी कोल कारोबारीयों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने अलग-अलग सूत्रों से पुलिस तक पहुंचाई।
यह भी खबर है कि एक ETP जो पहले कटी थी उसे गलत साबित करने के फेर में दूसरी ETP किसी अन्य कोल कारोबारी के द्वारा खुद के पैसे लगाकर मामले को उलझाने के लिए जनरेट कर दी गई, बहरहाल यह भी जांच का विषय है कि जब ट्रक सीधी गई ही नहीं तो सीधी से उसकी ईटीपी कैसे कट गई, यह बात आईने की तरह साफ है कि घटना के दिन ट्रेलर आमाडांड कोयला खदान से कोयला लेकर साईडिंग के लिए निकले थे, वहां उन्होंने कोयला खाली किया या नहीं यह वहां के दस्तावेज जांचने के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन बिजुरी ब्लास्ट साईडिंग के लिए जब कोयले की गाड़ी निकली और वहां कोयला खाली हो गया तो दूसरा कोयला आखिर इतनी जल्दी कहां से लोड कर लिया गया, खबर तो यह भी है कि यह कोयला समीप ही स्थित शारदा मां लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के कोल यार्ड से लोड किया गया था, जिसका संचालन जिंदल ग्रुप के द्वारा किया जाता है।
हालांकि मामला पुलिस में जाने के बाद यह खुद में जांच का विषय हो गया कि शेष कोयला जिसकी कीमत लाखों में बताई गई है जिसे पुलिस ने जप्त किया है वह आखिर लोड कहां से किया गया, कोयले की ग्रेड और अन्य दस्तावेजों और बयानों के आधार पर पुलिस इस जांच में लगी हुई है, शनिवार को इस मामले में एसटीएफ की टीम भी मौके पर पहुंची और उसने बयान लेना शुरू किया, कई लोगों के बयान लिए जा रहे हैं और यह माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं कोल साईडिंग को लेकर कोल कारोबारी के बीच चलने वाली प्रतिस्पर्धा इस पूरे मामले की जनक है।
यह भी बताया जा रहा है कि वर्तमान में जिस फर्म को आमाडांड कोल माइंस से ललितपुर के लिए कोल लिफ्टिंग का काम मिला है, उससे पहले लंबे अरसे तक यह काम जिंदल ग्रुप के पास रहा है, जिंदल ग्रुप जिसका संचालन छत्तीसगढ़ से किया जाता है और शारदा मां लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर उक्त फर्म ने यहां पर बीबीएसबी के समीप साइडिंग लेकर रखी है वहां से उसका संचालन किया जा रहा था, लेकिन वर्तमान में उस स्थान की जगह बीबीएसबी में कोयला खाली किया जा रहा था, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है अभी तक इस मामले में ठेका कंपनी के द्वारा सिर्फ किराए से लिए गए वाहन के चालक और फर्म का नाम ही सामने आया है, कोयला कहां से लोड होकर आया और बिजूरी स्थित कोल साईटिंग पर बीते लंबे अरसे से किस-किस कोल कारोबारी का कब्जा रहा है, जिसने अपने हाथ से यह काम जाने और अब उसे वापस पाने के फेर में यह पूरा खेल खेला, पूर्व कारोबारी ने आपसी लड़ाई और काम खुद पाने के फेर में खुद ही अपनी कलई खोल दी…..
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