सुबह – सुबह शहर में आत्मदाह के पर्चे बाँटने वाला यह कौन है …???
शहडोल। कड़ाके की ठंड वाली सर्द सुबह में शहर के का कोई परिवार शायद रात भर नहीं सो पाया यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बीते कई सत्ता हो या महीनों से है परिवार नहीं सोया शायद यही कारण होगा जो जनवरी माह के कड़ाके की ठंड के बीच जब पूरा शहर रजाई में सो रहा है उस दौरान घर वाला मोहल्ला में रहने वाले वालायर व्यक्ति पंपलेट बांटने निकल पड़ा है।
शहर के कई गलियों और कोचों में आत्मदाह के पर्चे बांटने वाला यह धर्मदास आखिर कौन है ऐसी कौन सी परिस्थितियां सामने आ गई जो धर्मदास शासन से न्याय की आस शायद छोड़ दिए आपदा के पंपलेट बनाकर बांटने लगा इस पंपलेट पर गौर करें तो उसने इसमें पूरा पूरे मामले का हवाला भी दिया है और अपनी मौत का समय जिन भी निर्धारित कर दिया है राजस्व विभाग में इस मामले की तरह 12 या दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ों मामले लंबित पड़े हैं जिसमें जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है बहरहाल सोमवार की सुबह सर्द हवाओं के बीच धर्मदास ने यदि इतना बड़ा फैसला लिया है तो उसके पीछे भी कोई बड़ा कारण ही होगा सुबह-सुबह जब धर्मदास के पर्चे गांधी चौक और उसके आसपास बढ़ने लगे तो हर किसी के हाथ में है पर्चा नजर आने लगा पढ़िए क्या लिखा है इस पर्चे में