सड़क नहीं बनाएंगे पर वोट मांगने किस मुँह जायेंगे नेताजी

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राजेन्द्रा-बुढार मार्ग न बनने से विधायक मनीषा सिंह के प्रति बढ़ रहा क्षेत्र वासियों का रोष

शहडोल/खैरहा। राजेन्द्रा-बुढार मार्ग की हालत किसी से छुपी नहीं है, हलकी सी बरसात में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण हल्की सी बारिश से ही गड्ढे लबालब व तालाब नुमा हो जाते हैं, जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो वही रोड किनारे बसे हुए लोगों को वाहनों के आवागमन के कारण धूल खाना पड़ रहा हैं। इस रोड के निर्माण के लिए कई बार मांग व विरोध प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें जैतपुर विधायक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए थे, बार-बार लोगों की मांग पर गड्ढों में सिर्फ मिट्टी भर दिया जाता है, जो दो-चार दिनों के बाद फिर वही अपने पुराने स्वरूप में आ जाता हैं। इस ओर न तो एसईसीएल प्रबंधन ध्यान दे रही है और न ही शासन प्रशासन ध्यान दे रहे हैं, जिससे लोगों में भारी रोष देखी जा सकती है। यहां तीन कोयला खदाने संचालित है इस रोड़ से भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। इस मार्ग से गुजरने वाले लोग जान जोखिम में डाल कर सफर करते हैं। बरसात के दिनों में जर्जर सड़क का दंश झेल रहे कोयलांचल वासियों के लिए बरसात का मौसम किसी अभिशाप से कम नही है। कालरी प्रबंधन द्वारा गड्ढों में भरे गए मिट्टी व कोल डस्ट, बारिश होने पर राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है।
काम नहीं आया मंत्री जी का दौरा
जर्जर सड़क को लेकर 2 साल पहले राजेन्द्रा कालरी गेट के सामने विधायक मनीषा सिंह के नेतृत्व में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन किया गया था जो राजनीति की भेंट चढ़ गई, उस समय कांग्रेस सरकार के खिलाफ जैतपुर विधायक ने जो सक्रियता दिखाई थी यदि वही सक्रियता वर्तमान में कायम होता तो शायद यह रोड़ आज बन गई होती। लेकिन एसईसीएल ने चंद ट्राली गिट्टी डालकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसी कारण सड़क की समस्या और ज्यादा भयवाहक होता जा रह है। इस मार्ग से करीब 40 गांव के हजारों लोगों का अवागमन होता है।
सोशल मीडिया में निकाल रहे भड़ास
शासन, प्रशासन द्वारा ध्यान नही दिए जाने के बाद अब लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं, जिसकी शुरूआत करकटी निवासी समाज सेवी रामनिवास कुशवाहा ने भी की थी। उल्लेखनीय है कि जर्जर मार्ग को लेकर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर हैं जिसकी झलक सोशल मीडिया में देखी जा सकती है। आने वाले समय में लोग शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में है। इस मार्ग से कोल माइंस की ओर से बड़ी संख्या में आने वाली ओवर लोड ट्रकों की आवाजाही से सड़क की यह दुर्दशा हो गई है। बारिश में बड़े बड़े गढ्ढे और कीचड़ में लोग दुर्घटना ग्रस्त हो रहें हैं तों वही गर्मी में कोयला युक्त डस्ट आम आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहीं हैं जिम्मेदार जन प्रतिनिधि भी अब अपने क्षेत्र का विकास कर पाने में पूरी तरह से असफल हैं क्षेत्र की जनता अब यह मान चुकी है कि बिजली पानी और सड़क इन तीनों मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति नामुमकिन हो रहा है आए दिन बिजली कटौती तों हों ही रहीं हैं साथ में यह जर्जर सड़क, हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका हैं।
अब नहीं आता कोई नेता
लोगों का मानना है कि चुनाव आते ही क्षेत्रीय नेता और चुनावी दावेदार बिजली पानी सड़क के मुद्दों को लेकर वोट मांगते हैं और चुनाव होने के बाद जन प्रतिनिधि और चुनावी मुद्दे दोनो गायब हो जातें हैं बहरहाल देखते हैं सोशल मीडिया पर उठने वाली आवाज किस करवट बैठती हैं सड़क मार्ग को लेकर उठने वाली आवाज कितने दूर तक जाती है और प्रबंधन पर इसका कितना असर पड़ता है। क्षेत्र की जनता इस जर्जर सड़क मार्ग से 3 वर्षों से जूझ रही है जन प्रतिनिधि और क्षेत्र की जनता द्वारा प्रशासन और एस ई सी एल से बार बार आग्रह किया गया है पर समस्या जस की तस है अब हम सभी क्षेत्रीय यूवाओ द्वारा बीड़ा उठाया है गया है कि आने वाले समय में अनिश्चितकालीन शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन कर प्रशासन और कोल प्रबंधन के समक्ष अपनी बात रखेंगे।

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