दुर्व्यवहार व हमले से नाराज चिकित्सक हड़ताल पर @ मामला शहडोल जिला चिकित्सालय में बुधवार की शाम का

शहडोल। जिला अस्पताल में धनपुरी के मरीज नसीरूद्दीन की मौत के बाद परिजनों द्वारा डॉ सौरभ सिंह परिहार के ऊपर हमला करने पर कार्रवाई की मांग को लेकर सभी आकस्मिक चिकित्सका अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज के डीन को ज्ञापन सौंपा। दिए ज्ञापन में बताते हुए मांग किया कि 17 जून की शाम डॉ सौरभ सिंह परिहार आकस्मिक विभाग में ड्यूटी पर थे। शाम 6.30 बजे धनपुरी से मरीज मोहम्मद नसीरुद्दीन को जिला अस्पताल लाया गया। इस दौरान डॉक्टर से एम्बुलेंस में ही इलाज करने का दबाव बनाये जाने लगा लेकिन एम्बुलेंस में पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं नहीं होने के कारण मरीज को एम्बुलेंस में देखना संभव नहीं था। उसके बाद मरीज को आकस्मिक विभाग में लाया गया और बिना पर्चे के मरीज को भर्ती करने का दबाव बनाया गया। मरीज की दिक्कत पूछे जाने पर किसी ने नहीं बताई और बोला गया कि डॉक्टर हो तुम जानों। इस पर वार्ड में मरीज को भर्ती कर पीआर, बीपी, आरबीएस, ईसीजी किया तो मरीज को आईएसडी और हाईब्लड शुगर निकला। इस पर तत्काल मेडिसिन स्पेशलिस्ट को ऑनकाल बुलाया गया। इलाज के दौरान मरीज की पुन: हालत बिगड़ गई। इस पर मरीज को तत्काल ऑक्सीजन लगाया गया और लगभग 15 मिनट तक सीपीआर दिया गया। पूरी कोशिशों के बावजूद मरीज को नहीं बचाया जा सका। इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। 15 से 20 लोगों ने जानलेवा हमला कर गाली-गलौच और हाथापाई शुरू कर दिया।
मरीज की मौत पर डॉक्टरों पर भड़के परिजन @ पुलिस ने संभाला मोर्चा
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इस पर डॉक्टर ने किसी प्रकार जान बचाकर वहां से भागे। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल में तोडफ़ोड़ किया। अस्पताल अधीक्षक को डॉक्टर ने फोन किया तो उन्होंने गाड़ी बनवाने की बात कहते हुए नहीं आने की बात कही। सिविल सर्जन एवं टीआई कोतवाली को फोन करने पर वो आए और स्थिति को संभाला। इस िलए जानलेवा हमला करने वालों ऊपर एफआईआर दर्ज करने के साथ गिरफ्तार करने की मांग की गई है। मेडिकल अधीक्षक को उनके कार्यभार से मुक्त किया जाए। मांग पूरी नहीं होने तक मेडिकल कॉलेज के सभी आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी, सीनियर रेसीडेंट एवं जूनियर रेसीडेंट काम पर नहीं जाएंगे।