…आखिर आत्मदाह करने की नोटिस देने की नौबत क्यों आयीं?



जरूरत पड़ी तो आत्मदाह करूंगा-चौबे
राजनगर। एसईसीएल उपक्रम की हसदेव क्षेत्र के राजनगर उपक्षेत्र के झिरिया यूजी खदान में वरिष्ठ ओव्हरमैन के पद पर पदस्थ गोविंद जी चैबे पर हसदेव क्षेत्र और रामनगर उपक्षेत्र प्रबंधन के हिटलरषाही का रवैया निरंतर जारी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत इन्हे अपनी दो इंक्रीमेंट कटवाकर और टंªासफर के रूप में भुगतना पड़ रहा है। मजदूरों की मसीहा कहे जाने वाली टेªड यूनियनें, इनमोसा और प्रबंधन किस कदर से इन्हे परेषान कर रहा है कि अपने न्याय और अधिकारों के रक्षा के लिए श्रमिक को 18 फरवरी 2019 से अनिष्चितकाल तक अनषन पर बैठने और आवष्यकता पड़ने पर आत्मदाह करने तक की मंषा बना ली है। क्या था मामला गोविंद जी चैबे वर्ष 2017 में इनमोसा के झिरिया इकाई के अध्यक्ष थे तभी इन्होने प्रबंधन के खिलाफ खदान के अंदर सुरक्षा, स्टापिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा, मजदूरों के नाम पर फर्जी बिलिंग, खदान के अंदर सुरक्षा कई मानको का पालन न किया जाने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए एसईसीएल के उच्चाधिकारियों सहित सतर्कता विभाग और खान सुरक्षा महानिदेषालय को पत्र लिखकर अनियमितताओं के संबंध में जाॅंच करने की मांग की थी, प्रबंधन को यह बात नागवार गुजरी और प्रबंधन ने यूनियन के साथ मिलकर झिरिया इकाई के अध्यक्ष से इनकी छुट्टी करा दी। यह सिलसिला और चैबे के द्वारा उठाये गये मुद्दो तब तक कुछ शांत हो गये थे, परंतु प्रबंधन के मन में चैबे के खिलाफ काफी भड़ास थी, जिसे प्रबंधन चैबे का अहित करके किसी न किसी रूप में निकालनी चाहती थी। सण्डे की छुट्टी का मिल गया बहाना अप्रैल 2018 में चैबे छुट्टी पर थे और छुट्टी से वापस आने पर इन्होने सण्डे की ड्यूटी की मांग की, प्रबंधन ने इन्हे तो सण्डे की ड्यूटी नहीं दी, परंतु इनके समान ही छुट्टी से आये कई वर्करो को सण्डे को ड्यूटी दे दिया, तब इन्होने इस बात का विरोध प्रबंधन के समक्ष दर्ज कराया और यह विरोध दर्ज कराना ही महंगा पड़ गया। खान प्रबंधक झिरिया ने सामान्य सी चर्चा को तूल देते हुए पहले आरो पत्र जारी किया, जवाब से संतुष्ट न होने पर जांच कमेटी का गठन किया, स्थानांतरण किया और अब इनका दो इंक्रीमेंट काट दिया। इस पूरी घटना से श्रमिक जहां एक ओर आर्थिक तंगियो से गुजर रहा है वहीं दूसरी तरफ इनका मानसिक संतुलन भी खोया-खोया सा है। ज्ञात हो कि लगभग 25 वर्षो की सेवा में इस कर्मचारी के विरूद्ध कोई भी आरोप पत्र आज तक जारी नहीं हुआ था और अब प्रबंधन की इस कार्यवाही से यह श्रमिक आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड़ में है। जांच में भी लीपापोती श्रमिक ने बताया कि खान प्रबंधक के 8 गवाह थे, आठों गवाह ने अलग-अलग बयान दिया है जो यह प्रमाणित करता है कि मैं निर्दोष हूं, परंतु फिर भी घटना दिनांक के तथ्यों को बिना संज्ञान में लिये, मुझे दोषी मानते हुए प्रबंधन ने मुझे प्रताड़ित किया और मेरा दो इंक्रीमेंट भी काट दिया। चोरी और सीना जोरी की कहावत यहां पर चरितार्थ हो रही है। भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे अधिकारी एक आवाज उठाने वाले श्रमिक को दबाने और कुचलने का प्रयास कर रहे है। बिना प्राथमिक जांच किये ही प्रबंधन ने श्रमिक को संस्पेंड कर दिया था। इस बात की षिकायत श्रमिक ने कई स्तरो पर की पर की, परंतु आज तक इस मुद्दे की सुनवाई नहीं हुई और अंततः श्रमिक ने अपनी जीवन लीला को ही समाप्त करने की ठान ली है। महाप्रबंधक की मनमानी भी हुई उजागर हसदेव क्षेत्र में मई 2018 में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के पद पर ए.क.े उदेनिया ने कार्यभार ग्रहण किया था और तभी यह मामला काफी गरमा-गरम था एक खान प्रबंधक की मन गढं़त तथ्यों के आधार पर महाप्रबंधक ने भी अपनी सूझ-बूझ का परिचय न देते हुए श्रमिक के खिलाफ एसईसीएल मुख्यालय तक को भड़काया, जबकि श्रमिक ने अपने खिलाफ हो रहे अन्याय और अत्याचार की लिखित षिकायत महाप्रबंधक के समक्ष प्रस्तुत की थी, परंतु उन षिकायतों पर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना ही किसी प्रकार कोई ध्यान ही दिया गया। जिसका परिणाम यह है कि श्रमिक अनषन करने को मजबूर है, और अनषन में मांगे नहीं मानी गई श्रमिक आत्मदाह भी करने को भी मजबूर होगा। श्रमिक ने उपक्षेत्रीय प्रबंधक रामनगर उपक्षेत्र को 09.02.2019 को प्रेषित पत्र जिसकी प्रतिलिपि महाप्रबंधक सहित जिला प्रषासन, एसईसीएल एवं कोल इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कई मंत्रालयों को भेजकर यह मांग की है कि जांच फाइल पढ़कर निर्णय लिया जाये, और इस पूरे मामले की जांच हसदेव क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्र या एसईसीएल मुख्यालय के अधिकारी मामले की जांच करे साथ ही ततकालिक दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही भी की जाये, कार्यवाही न किये जाने की स्थिति में 18 फरवरी से उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय रामनगर के समक्ष अनिष्चित काल तक अनषन पर बैठने और जरूरत पड़ने पर आत्मदाह करने की भी चेतावनी दी है। इनका कहना है प्रबंधक के खिलाफ पूर्व में मेरे द्वारा की गई षिकायतों की सजा मुझे साजिष पूर्ण तरीके से प्रबंधन के द्वारा दी जा रही है। बिना गुनाह किये, मुझे गुनाहगार बताया जा रहा है इस पूरे मामले की मैं उच्चस्तरीय जांच चाहता हूं। मेरी मांगे न माने जाने पर अभिक्रमिक अनषन और आवष्यकता पड़ी तो मैं आत्मदाह भी करूंगा। गोविंद जी चैबे वरिष्ठ ओव्हरमैन, झिरिया यूजी खदान, राजनगर उपक्षेत्र हसदेव क्षेत्र के महाप्रबंधक ए.के.उदेनिया से जब इस संबंध में दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क किया गया तो इनका नंबर स्विचआॅफ बता रहा था। मैं अपने कार्मिक अधिकारी से चर्चा करके इस मामले में कुछ बता पाऊंगा। आर.के. शर्मा उपक्षेत्रीय प्रबंधक, रामनगर उपक्षेत्र मैं अभी कोतमा में हूं, यहां हंगाम हो रहा है तो अभी मैं इस संबंध में कुछ नहीं बता पाऊंगा। बी.व्ही.टांडिया थाना प्रभारी, रामनगर