रोजगार सहायक ने आरती ट्रेडर्स का पहुंचाया लाभ?
ग्राम पंचायत दरैन कर गया भ्रष्टाचार की सीमा पार
अधिनियम की उड़ाई खुलेआम धज्जियां
जनपद जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत दरैन में पदस्थ रोजगार सहायक शितलेश कुमार गुप्ता अपनी कार्यप्रणाली से पहचाने जाते है, किसकी कृपा से पंचायत में सचिव के रहते हुए रोजगार सहायक को सर्वे-सर्वा बनाया गया है, यह तो पंचायतवासियों को भी नही पता, लेकिन पंचायत में हुए भ्रष्टाचार और योजनाओं के क्रियान्वयन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विकास किस ओर जा रहा है।
(Amit Dubey)
जयसिंहनगर। प्रशासन वित्तीय मामलों में पारदर्शिता के लिए चाहे कितने भी जतन कर ले, लेकिन उनके तोड़ बिचौलिये निकाल ही लेते हैं, शौचालय निर्माण से लेकर सीसी रोड निर्माण कार्य में, पंचपरमेश्वर की राशि के दुरूपयोग रोकने के लिए प्रशासन ने भले ही गाइड लाईन तय कर ईपीओ के जरिए भुगतान को तय कर दिया हो, मगर पंचायत के नुमाइदों ने सारी गाइडलाइन को ठेगा दिखाते हुए प्रशासन की मंशा पर पानी फेर दिया, जनपद पंचायत दरैन पंचायत में योजनाओं सहित अधिनियम की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।
परिवार को पहुंचाया लाभ
वैसे तो ग्राम पंचायत में वित्तीय प्रभार सचिव के पास रहता है, लेकिन पंचायत में लंबे अर्से से रोजगार सहायक द्वारा पंचायत में कार्य किया जा रहा है, सूत्रों की माने तो दरैन पंचायत के रोजगार सहायक शितलेश कुमार गुप्ता ने अधिनियम को धता बताते हुए आरती ट्रेडर्स नामक फर्म से सामग्री पंचायत में ली गई, मजे की बात तो यह है कि उक्त फर्म ने एक या दो बार किसी अन्य पंचायत को सामग्री सप्लाई कि बाकी सामग्री इन्होंने दरैन पंचायत में बेच दी, इससे साफ जाहिर होता है कि उक्त फर्म का निर्माण सिर्फ दरैन पंचायत के लिए किया गया, अगर उक्त फर्म के बिलों की जांच हो जाये तो पंचायत में किये गये सामान सप्लाई में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है, साथ ही फर्म संचालक के बिलों की जांच से शासन को चुकाये जाने वाले जीएसटी का भी खेल सामने आ जायेगा।
यह कहता है अधिनियम
मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 पर नजर डाले तो उक्त अधिनियम के पृष्ठ क्रमांक 189 में धारा 69 के अंतर्गत अध्याय 8 में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों के नातेदार किसी भी प्रकार का लाभ वाला कार्य नहीं करेंगे। अधिनियम अंतर्गत धारा 40 में ऐसा करने पर जो प्रावधान दिये गये हैं, उसमें शासकीय सेवकों व जनप्रतिनिधियों को पद से पृथक करने केअलावा राशि की वसूली के साथ चुने हुए प्रतिनिधियों को 6 वर्ष के लिए चुनाव लडऩे से वंचित करने के प्रावधान हैं।
भ्रष्टाचार से मूंदी आंखे
दरैन पंचायत में बने शौचालय या किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य में कमीशन का खेल अब सतह पर आ चुका है, सूत्रों की माने तो पंचायत से लेकर जनपद में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को हर बिल का काम का प्रतिशत कमीशन समय से मिलता रहा और उन्होंने क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार की ओर से आंखें ही मूंद ली। लोगों का कहना है कि अगर पंचायतों में हुए सामान सप्लाई और हुए निर्माण कार्य की गुणवक्ता सहित शौचालय को गिनती कर ली जाये तो पंचायत सहित जनपद में बैठे अधिकारियों की कलई खुलकर सामने आ सकती है।
इनका कहना है…
बात सहीं है अपने भईया जी से बात करवाता हंू।
शितलेश कुमार गुप्ता
रोजगार सहायक
दरैन पंचायत