शहडोल: भाजपा नेता पर महिला ने लगाये गंभीर आरोप
इज्जत का खतरा होने की धनपुरी थाना में दर्ज कराई शिकायत
(Amit Dubey-8818814739)
धनपुरी। भाजपा के नेता और धनपुरी नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 के पूर्व पार्षद दीपक राय के खिलाफ वार्ड की ही महिला के द्वारा गाली-गलौज और मारपीट करने सहित खुद को उससे अपनी इज्जत का खतरा होने की शिकायत बीते दिनों धनपुरी थाने में की गई थी, पुलिस ने मामले में न तो एफआईआर की और न ही विवेचना की, जिसके बाद 9 जनवरी को पीडि़ता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और अपनी शिकायत कप्तान को दी, यही नहीं महिला ने भोपाल स्थित महिला सहायता केन्द्र में भी दूरभाष से उक्त शिकायत दी, लेकिन अभी तक पुलिस ने कथित आरोपी को पकड़कर इससे पूछताछ करना तक मुनासिब नहीं समझा, हालाकि भोपाल से जांच के आदेश आने के बाद बीते दिवस धनपुरी पुलिस के कर्मी ने महिला के बयान जरूर लिये हैं, लेकिन अभी तक मामला एफआईआर तक नहीं पहुंचा।
यह हुई शिकायत
वार्ड वार्ड नंबर 2 विलियस नंबर 1 अंतर्गत रहने वाली महिला ने वार्ड पार्षद दीपक राय पिता स्व. हीरालाल राय के द्वारा बुरी नीयत से हाथ पकडऩे के साथ ही छुड़ाने पर भद्दी गालियां व मारपीट की शिकायत पुलिस को दी है, महिला ने शिकायत में उल्लेख किया कि कथित आरोपी उसके घर के पास ही रहता है और एक अर्से से उस पर गंदी नीयत रखता है और दबाव बनाने के लिए बहाने ढूंढता रहता है, बीते दिनों उनके घर में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था, तब दीपक वहां पहुंचा और काम रूकवा दिया गया, जब हमनें उससे ऐसा न करने को कहा तो उसने कहा कि मैं भाजपा का बड़ा नेता हंू, जो चाहे कर सकता हंू। यह कहकर खुलेआम गालियां देने लगा, मामले की तत्काल ही मेरे द्वारा धनपुरी थाने में सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। पीडि़त महिला के पति कार्यवश बाहर रहते हैं और वह घर में अकेली रहती है, जिस कारण कथित नेता से इज्जत का खतरा बना हुआ है, समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो कोई भी घटना उसके द्वारा कारित की जा सकती है।
इज्जत बचाने की मांग
धनपुरी पुलिस समय-समय पर अपने हिसाब से एफआईआर के मायने बदलती रहती है, एफआईआर अर्थात प्राथमिक सूचना रिपोर्ट के अर्थ से भटक कर पुलिस मामले में पहले एफआईआर और फिर जांच करने की जगह इस मामले में पहले जांच में जुट गई है और महिला चिल्ला-चिल्ला कर अपनी इज्जत बचाने की मांग थाने से लेकर शहडोल व भोपाल तक कर रही है, सवाल यह भी उठता है कि इस मामले में थाने के किसी पुरूष अधिकारी को जांच दी गई है और अभी मामला पुलिस की जांच में है, यदि महीने-दो महीने में जांच सही पाई जाती है तो फिर एफआईआर दर्ज होगी।