इंसाफ पाने के लिए भटक रहा इंसान

Ajay Namdev-7610528622
2018 को हुई थी मारपीट, दशहरा 2019 को गाली-गलौच अब पहुंच गया जेल
31 दिसम्बर 2018 को रात्रि में पार्टी के दौरान भालूमाडा थाना अंतर्गत रोहित बंसल और गुड्डा नामक युवक सहित अन्य युवकों के साथ मारपीट हुई थी, जिसमें रोहित को धारदार हथियार से वार किया गया था, मामले में अभी तक किस पर कार्यवाही हुई आज तक रोहित के परिवार को नही पता। 8 अक्टूबर को दशहरे के दिन दुर्गा माता के विसर्जन के दौरान फिर किसी युवक के साथ कहा-सुनी होती है और शिकायत भी, जिसके बाद 23 अक्टूबर को पुलिस रोहित को थाने बुलाती है और उसे जेल के लिये रवाना कर दिया जाता है।
अनूपपुर। थाना भालूमाडा अंतर्गत वर्ष 31 दिसम्बर 2018 को हुई मारपीट मामले में अभी भी रोहित बंसल के परिवार के लिए असमंजस बनी हुई है। रोहित के माता-पिता पुलिस पर आरोप लगाते हुए कई शिकायत पत्र भी दे चुकी है, लेकिन उन्हे न्याय की तलाश में अब भी दर-दर भटकना पड रहा है। 2018 में हुए मारपीट मामले में जातिसूचिक गालियों के साथ रोहित को धारदार हथियार से कुछ युवकों के मारा गया था, मामला थाने पहुंचा और अपराध दर्ज भी किया गया, लेकिन अपराध करने वालों को क्या हुआ यह अभी भी उनके परिवार को नही पता है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 दशहरे के दिन फिर रोहित का विवाद उन्ही संगठन के लडके से हुआ, मामला थाने पहुंचा और पुलिस ने अपराध बना 23 अक्टूबर को उसे थाने बुला लिया।
फिर पहुंच गया जेल
शिकायत पत्रों को लेकर दर-दर भटक रहे रोहित के माता-पिता 24 अक्टूबर को जिला न्यायालय पहुंचे, जहां उन्होने अपनी आप-बीती बताते हुए कहा कि भालूमाडा थाने में पदस्थ पुलिस कमलेश ङ्क्षसह चौहान के द्वारा रंजिश के कारण उनके बेटे रोहित को परेशान कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लडको के साथ झगडा हुआ था वह सभी कालरी कर्मचारी के लडके थे, लेकिन रोहित गरीब था, इसलिए सभी का नाम अपराध से हट गया और रोहित के ऊपर सारे आरोप लगा दिये। वहीं 23 अक्टूबर को पुलिस रोहित को बुला उसे जेल भेज दिया गया।
अब ऐसे है हालात
रोहित बंसल की मां यशोदा बंसल निवासी जमुना कालरी वार्ड क्रमांक-2 ने पुलिस अधीक्षक को दिये गये शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया कि वह नगरपालिका पसान में एक सफाई कर्मचारी के रूप में काम करती है, वर्तमान में वार्ड क्रमांक-6 में शीतला मंदिर से लेकर गणेश चौक तक सुबह प्रतिदित साफ-सफाई करती है, इस बीच कई महीनों से भालूमाडा थाने में पदस्थ पुलिस कमलेश ङ्क्षसह चौहान के द्वारा उसके साथ अभद्रता की जाती है, इतना ही नही रास्ते में अश्लील वाक्यों का प्रयोग में करता है। गरीब होने के कारण पुलिस कमलेश सिंह के द्वारा उसे और उसके परिवार को परेशान किया जा रहा है।
विशेष जांच की आवश्यकता
रोहित बंसल के माता-पिता के अनुसार जिनके साथ गाली-गलौच व मारपीट हुई थी, वह सभी लडके अब समझौता करने के लिए तैयार है, लेकिन भालूमाडा थाने में पदस्थ पुलिस कमलेश ङ्क्षसह चौहान आपसी रंजिस की वजह से समझौता कराने के लिए तैयार नही है। कारण यह कि कमलेश ङ्क्षसह चौहान भी भालूमाडा का ही निवासी है और किसी बात की रंजिस बंसल परिवार है, यह अभी भी समझ से परे है, इसलिए इस मामले में उच्चाधिकारियों को विशेष जांच की जरूरत है, क्योकि बिना अपराध व धाराओं के कोई जेल नही जा सकता, अगर रोहित ने अपराध किया है तो उसे धारदार हथियार से मारने वाला कैसे बच गया।
बयान देने को तैयार लोग
मिली जानकारी के अनुसार इस कार्यप्रणाली को तथा रोहित बनाम भालूमाडा पुलिस मामले में 8 युवक बयान देने को तैयार है, उन्होने बताया कि सभी समझौता भी करना चाहते है और कहीकत बयान भी करना चाहते है, फिर भी भालूमाडा थाने में पदस्थ पुलिस कमलेश ङ्क्षसह चौहान के द्वारा यह स्वीकार नही किया जाता है। रोहित के माता-पिता ने बताया कि मामले को निपटाने के लिए पुलिस के द्वारा पहले से ही पैसे की मांग की जाती रही है, जब गरीब बंसल परिवार के द्वारा पैसे नही दिये गये तो, पुलिस द्वारा जिद व अन्य रंजिसन उनके साथ दुव्र्यहार करने लगे, और अब पुलिस के द्वारा झूठा अपराध तैयार कर रोहित को जेल तक पहुंचा दिया गया।
पुलिस और मीडिया की दूरिया
आम तौर पर लोगों के साथ न्याय और रक्षा करने वाले जिम्मेदार जब स्वार्थ का जीवन जीने लगे तो निश्चित ही लोगों का विश्वास टूटता जाता है। महज जिम्मेदार की वर्दी पहन अपने आप को न्यायालय के ऊपर समझने वाले पुलिसकर्मी अब मीडिया से बात करना भी मुनासिब नही समझते है, कई बार संपर्क किया जाता है, लेकिन कई दिनों तक उन्हे मीडिया से संपर्क करने की फुर्सत नही होती और नही थाने में आने वाली शिकायतों को जानकारी देते है न ही अपराध के विषय में विस्तृत विवरण दिया जाता है, यह मामला किसी एक थाने का नही बल्कि पूरे जिले के थाने में यही हाल है। मीडिया तक न तो जानकारी दी जाती और न ही मीडिया के द्वारा संपर्क करने पर उनके पास बताने के लिये समय है।
न्याय की फरियाद
बंसल परिवार अब न्याय के लिये दर-दर की ठोकरे खा रहे है, पुलिस अधीक्षक से रोहित के माता-पिता ने एक उम्मीद जताई है कि न्याय अवश्य मिलेगा, फिलहाल अभी तक रोहित घर पर ही है और उसे पाने के लिए माता-पिता हर संभव प्रयास में जुटे है, जांच के बाद ही मामले में स्पष्ट हो पायेगा कि वास्तविकता क्या है।