खबर छपते ही जागे टीआई ,पीड़ित युवती के घर भेजे पुलिसकर्मी

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खबर छपते ही जागे टीआई ,पीड़ित युवती के घर भेजे पुलिसकर्मी

( अमित दुबे)

शहडोल। लगभग 21 दिन पहले चचाई थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली युवती की शिकायत पर पुलिस ने अमलाई थाना अंतर्गत रहने वाले भरत कुमार पिता रामलाल के खिलाफ अपहरण बलात्कार और एट्रोसिटी की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया था , 28 अगस्त को दर्ज हुए इस मामले के बाद पुलिस ने बीते कई दिनों में आरोपी को पकड़ने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए, आरोप तो यह भी लगे कि थाना प्रभारी आरबी सोनी ने भारत के पिता रामलाल से अपना मैनेजमेंट कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था लेकिन यह मामला आज शुक्रवार को अचानक मीडिया में आज आने के बाद थाना प्रभारी नींद से जाग गए और उन्होंने सुबह ही युवती को भगाने के प्रयास शुरू कर दिए यही नहीं थाना अंतर्गत ग्राम डूंगरिया से ढूंढते हुए पुलिस सुबह ही युवती को शहडोल जिले के ग्राम पंडित जा पहुंची।


कायदों को भूले आरबी सोनी

चचाई थाना प्रभारी आरबी सोनी ने अभी से कुछ देर पहले ग्राम मंडी में पीड़ित युवती के यहां देवहरा चौकी में पदस्थ मार्को नामक पुलिसकर्मी को उसे लेने के लिए भेजा , बकौल पीड़ित युवती ने बताया कि कथित पुलिसकर्मी उसे थाना चलने के लिए कह रहे हैं यही नहीं मोबाइल पर उन्होंने थाना प्रभारी आरबी सोनी से भी बात कराई , जिन्होंने युवती को थाने आने के लिए कहा, थाना प्रभारी युवती के बयान और आगे की कार्यवाही को बढ़ाने के इस आपाधापी में यह भी भूल गए कि पीड़ित युवती को थाने से लगभग 15 किलोमीटर दूर अकेले लाने के लिए उन्होंने पुरुष सिपाही को भेज दिया , जबकि ऐसे मामलों में बयान तक लेने के लिए महिला पुलिसकर्मी की आवश्यकता होती है , अचानक घर में पहुंची पुलिस को देखी होती घबरा गई वही देवरा चौकी से आए मार्को नामक पुलिसकर्मी लगातार साथ में चलने के लिए दबाव बनाते रहे।

बयानों से पलटे प्रभारी

इस संबंध में जब थाना प्रभारी चचाई आरबी सोनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैंने उसे नहीं बुलाया है , कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए युवती का जाति प्रमाण पत्र चाहिए, अगर उसने नहीं दिया तो मैं एट्रोसिटी एक्ट लगा हटा दूंगा ,मेरे पास कोई पुलिस महिला पुलिसकर्मी नहीं है इसीलिए मैंने देवहरा चौकी से श्री मार्गों को वहां भेजा है, जरूरी नहीं है कि युवती अकेली आए वह अपनी मां या किसी को ला सकती है , सवाल यह उठता है कि थाने में जब महिला पुलिसकर्मी नहीं है और बलात्कार अपहरण से पीड़ित युवती से 20 दिनों से न्याय नहीं मिला उसे लेने के लिए वर्दीधारी को अकेले घर क्यों भेजा गया इस संबंध में थाना प्रभारी से अपना मामला बताते हैं।

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