ब्यौहारी-नगरीनिकाय चुनाव में राष्ट्रीय दलों पर भारी पड रहे निर्दलीय

भाजपा नेताओं की फूल रही सांस।भाजपा की साख दांव पर! मतदाताओं में दिख रहा भाजपा के लिऐ आक्रोश।
शहर की हालत बेहाल,भाजपा-कांग्रेस से जनता का उठा भरोसा, कई निर्दलीय मुकाबले में, जनता बोट से देगी चोट!
पिछली परिषद तथा अपने विकास की कार्ययोजना के सबालों पर लोगों के सामने बोलने से बच रहे भाजपा के जनप्रतिनिधि
ब्योहारी। भाजपा कांग्रेस के समर्थन से पूर्व में नगरीनिकाय का चुनाव जीतने वाले पार्षद और अध्यक्ष का भाग्य तो बदल जाता है। लेकिन ब्यौहारी की जनता आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां के इन्हीं मतदाताओं के कारण भाजपा पिछले दो निकाय चुनाव से परिषद में काबिज रही। लेकिन नेताओं की कथनी करनी में फर्क रहा स्थानीय लोग भाजपा की पूर्व परिषदों की कार्यशैली से खफा हैं। जिन लोगों ने नगरवासियों को धोखा दिया उन्हें इस बार मतदाता सबक सिखाने के मूड में हैं। यहां के कई बार्डो में भाजपा कांग्रेस द्वारा जबरन प्रत्याशी थोपे जाने से निर्दलीयों के जीतने का बातावरण बनता जा रहा है। इस चुनाव में भाजपा,कांग्रेस या अन्य के पक्ष में माहौल बनता फिलहाल नजर नही आ रहा। निर्दलीय प्रत्याशियों का दबदबा भाजपा-कांग्रेस के लिए चुनाव में सबसे बड़ा चैलेंज बनता दिख रहा है। नगरीनिकाय चुनाब में भाजपा की साख बचाने सासंद रीति पाठक और विधायक शरदकोल बार्डो में बोट के लिऐ हाथ पैर जोडते घूम रहे है। बार्डो में प्रत्याशी को जिताने खूब बहाया पसीना। बार्ड में.निर्दलीय दे रहे चुनौती।
09जुलाई को सीधी सांसद रीति पाठक, और युवा विधायक शरद कोल ने पार्षद प्रत्याशियों के साथ बार्ड क्र-13-14 मे नुक्कड़ सभा कर पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की। वहीं बार्डक्र-07 में हरिजन बस्ती 06 में गोदावल रोड़ बार्डक्र-01-02 में लोगों से भाजपा को बोट देने का अनुरोध किया। लेकिन आमजनता के सबालों से बचते ही रहे ।
12 साल से नगर परिषद में भाजपा का ही कब्जा रहा लेकिन इस बार यहां की प्रबुद्ध जनता पूर्व परिषद के कर्ताधर्ताओं से नाखुश है। यही कारण है कि ब्यौहारी नगर के 15 वार्डो में भाजपा की सांसे मतदाताओं की चुप्पी ने बढा दी है। वैसे आपको बता दें कि पार्टी के नेता इस नशे में चूर हैं कि उनकी परिषद इस बार भी बनेगी। जनता मूर्ख है इसलिए वह उन्हें ही चुनेगी।यह मुगालता इस बार कहीं टूट न जाये। क्योंकि ब्यौहारी का विकास कम सत्यानाश इन वर्षों में जितना हुआ वह सबके सामने है। करोड़ों का बजट खर्च करने के बाद भी भाजपा के पूर्व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने जनता व पूरे नगर की बैंड बजा कर रख दी है।इनके किये का दंड अब वर्तमान चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को भुगतना पड़ रहा है। भाजपा के प्रत्याशियों को अपने वार्ड में जनता के गुस्से का भी सामना करना पड़ रहा है। यह अच्छी बात है क्योंकि पांच साल बाद चुनाव आते हैं। पांच साल तक जनता से किनारा करने वाले राजनीतिक दल चुनाव आते ही फिर लार टपकाने लग जाते हैं। पिछले दिनों वार्ड नं 8 में भाजपा प्रत्याशी को ऐसे ही क्रोध का सामना कर वापस लौटना पड़ा। जिसका वीडियो सोसल मीडिया मे खूब चर्चा में रहा। कई वार्डों में जनता के बीच जाकर वोट मांगने वाले प्रत्याशी को उल्टे पैर भागना पड़ रहा है। ब्यौहारी की सूरत दो दसक में कुछ नहीं बदली।चारों ओर फैली गंदगी,खराब सड़कें,बदबूदार बजबजाती नालियों के बीच जीने को आमलोग आज भी मजबूर है।
भाजपा इस बार यहां निकायचुनाव में ऐसे प्रत्याशी थोप दिये जिसकी सामाजिक छवि शून्य है। टिकट वितरण से पूर्व जिलाध्यक्ष ने जो सर्वे कराया था उसके विपरीत मंडलअध्यक्ष के साथ मिलकर भ्रष्ट अपराधी,बदमाश,घोटालेबाज,भूमाफिया टाइप के लोगों को प्रत्याशी बना भाजपा ने पुराने वफादार कार्यकर्ताओं को नकार दिया है। जिससे जमीनी कार्यकर्ता दुःखी हो बार्डो में पार्टी का माहौल बिगाड़ने में लगे हुऐ हैं।
भाजपा ने एक ऐसे बदनाम व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाया जिसके पति पर फारेस्ट की सरकारी भूमि हडप सरकार को लाखों करोड़ों का चूना लगाने के गम्भीर आरोप हैं। जिसने कभी भाजपा के किसी कार्यक्रम की बैठकों में नहीं गया। एक साल पहले अपने गोरखधंधे को बचाने पार्टी की सदस्यता ली। पार्टी ने उसकी पत्नी को पार्षद की.टिकट दे दी गई।
टिकट वितरण में बरती गई लापरवाही का खामियाजा भाजपा कांग्रेस को इस निकाय चुनाव में भुगतना पड सकता है।
आगामी 13 जुलाई को होने वाले मतदान में नगरीय क्षेत्र के जागरूक वोटर आखिर क्या निर्णय लेते हैं।यह तो मतगणना उपरांत ही साफ होगा।अभी यहां निर्दलीय मजबूत दिख रहे है।