कटनी निगमायुक्त को हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने दिए निर्देश

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कटनी निगमायुक्त को हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने दिए निर्देश


कटनी ॥ हाईकोर्ट ने भूमि का कब्जा दिए बिना अवैध तरीके से लीज रेंट वसूलने के मामले में नगर निगम, कटनी के आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 13 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने आगामी सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता के भी मौजूद रहने की व्यवस्था दी है। याचिकाकर्ता कटनी निवासी गायत्री सोनी, किरण कुदरहा, पीएल शर्मा, दयाराम तनवानी, गोपिका चौदहा, सुशील सोनी सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि नगर सुधार न्याय, कटनी के दौर में याचिकाकर्ताओं ने 30 वर्ष की लीज पट्टे का अनुबंध किया था। कालांतर में नगर सुधार न्यास का नगर निगम कटनी में विलय हो गया। लिहाजा, अनुबंध के अनुरूप भूमि का कब्जा तो नहीं दिया गया लेकिन अवैध तरीके से लीज रेंट की वसूली जारी रखी गई। याचिकाकर्ताओं का तर्क यह है कि जब राजेंद्र राव नामक व्यक्ति को उन्हीं के समान प्रकरण में भूमि का कब्जा दे दिया गया तो उन्हें क्यों वंचित रखा गया है। पूर्व में हाई कोर्ट ने याचिका का इस निर्देश के साथ निराकरण कर दिया था कि नगर निगम शिकायत का नियमानुसार निपटारा करे। लेकिन नगर निगम ने हाई कोर्ट में अपील लंबित होने का तर्क देकर आवेदन दरकिनार कर दिए थे। इसलिए नए सिरे से हाई कोर्ट आना पड़ा। इस मामले में हाई कोर्ट ने जवाब पेश करने बार-बार समय दिया लेकिन नगर निगम की ओर से लापरवाही बदस्तूर जारी रही। इसलिए हाई कोर्ट ने विगत सुनवाई के दौरान हर हाल में जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। ऐसा न होने पर जवाब के लिए और मोहलत न देने की चेतावनी दी थी। इस पर नगर निगम की ओर से जवाब तो पेश किया गया लेकिन वह संतोषजनक नहीं है। कोर्ट ने इस जानकारी पर गौर करने के बाद निगमायुक्त को व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया।

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