कुछ नहीं मिला तो फूड इंस्पेक्टर ने भंडारे का ही कर लिया निरीक्षण

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नागरिकों ने अपना काम सही ढंग से न करने के लगाए आरोप

(राहुल शीतलानी)उमरिया। जिले से आज एक बार फिर से ऐसी खबर निकल कर सामने आई है जो कि जिले को सुर्खियों में ला दिया है। जहां उमरिया जिले में फूड इंस्पेक्टर मंजू वर्मा ने आज निशुल्क 9 दिनों तक चलने वाले पाली के मेला ग्राउंड में भंडारे का निरीक्षण किया है।इतना ही नहीं उन्होंने यह पूछा कि आप इस भंडारे के लिए पैसे कहां से पाते हैं और सामान कहां से खरीदते हैं। उनके इस प्रकार के प्रश्न पूछने पर लोगों की प्रक्रिया तीखी रही जहां विरोध करने के बाद आखिरकार मंजू वर्मा प्रसाद लेने के बाद वहां से चलती बनी।पर लोगों ने आरोप लगाए हैं कि जिले में कई ऐसी दुकान चलती हैं और कई ऐसे होटल चलाते हैं जहां वास्तव में उन्हें अपना काम करना चाहिए। पर उन्हें यह सब दिखाई नहीं दे रहा है अमानक बिक्री हो रही है वहीं खाद्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है लेकिन उन पर ध्यान देने की बजाय भंडारे को उन्होंने टारगेट किया है। जो की काफी निंदनीय है।मिली जानकारी के अनुसार आज मंगलवार के दिन बिरासनी सेवा समिति के द्वारा मेला ग्राउंड में भंडारे का आयोजन किया जा रहा था। जहां निशुल्क रूप से दूर-दूर से आए भक्तों को प्रसाद वितरण का कार्य चल रहा था। इतने में उमरिया जिले की फूड इंस्पेक्टर मंजू वर्मा आई और भंडार गृह में जाकर वह निरीक्षण करने लगी साथी उन्होंने उल्टे सीधे प्रश्न पूछने शुरू कर दिए।इसके बाद आसपास के भक्त वहां पर पहुंच गए और उनका विरोध करने लगे उन्होंने यह भी कहा कि आप अपना काम अगर सही ढंग से करती तो जिले में जो अमानक बिक्री होती है और अमानक खाद्य पदार्थों को बेचा जाता है वह सही हो सकता था। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया बल्कि आप निशुल्क रूप से भंडारे चलाए जा रहे हैं उसका विरोध करने पहुंच गई हैं।इसके बाद फूड इंस्पेक्टर मंजू वर्मा वहां प्रसाद ली और वहां से चला बनी। लेकिन उनके जाने के बाद भी यह चर्चा का विषय बन गया। वहीं पूरे क्षेत्र में उनकी किरकिरी होती हुई साफ तौर पर देखी गई।साथ ही उनका यह कृत्य लोगों को पसंद नहीं आया। उन्होंने यह तक कह दिया कि हम इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से करेंगे और इस पर कार्यवाही की मांग भी करेंगे।

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