वनपरिक्षेत्र कार्यालय नौरोजाबाद के चार्ज हस्तांतरण में फंसा पेच

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नौरोजाबाद। नौरोजाबाद वनपरिक्षेत्र कार्यालय में इन दिनों अजीबोगरीब स्थित है। दरअसल नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी पीयूष त्रिपाठी को सीसीएफ वृत शहडोल ने अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम में पदस्थिति अवधि के दौरान वनों में कूप की गलत मार्किंग व अनियमितताओं के कारण वनों की कटाई में हुई परेशानी के बाद जांच में गलत पाए जाने पर रेंजर को निलंबित कर शहडोल कार्यालय में अटैच किया गया था। सीसीएफ शहडोल के द्वारा 20 नवंबर को निलंबन आदेश जारी करने के बाद 20 नवंबर को ही डीएफओ उमरिया द्वारा नौरोजाबाद वन परिक्षेत्र अधिकारी के रूप में पदस्थ वन क्षेत्रपाल पीयूष त्रिपाठी की जगह उप वनमंडल कार्यालय उमरिया में पदस्थ उप वनक्षेत्रपाल हरीश तिवारी को पीयूष त्रिपाठी से संपर्क कर वन परीक्षित नौरोजाबाद का समस्त प्रभार प्राप्त कर शासकीय कार्य संपादित करने और प्रभार सूची सहित कार्यालय को अवगत कराने की निर्देश उप वनक्षेत्रपाल हरीश तिवारी को दिए थे। लेकिन पूरे एक माह बीत जाने के बाद भी फूल चार्ज निलंबित अधिकारी के द्वारा डीएफओ द्वारा पदस्थ अधिकारी को नही दिए गए है। साथ ही चार्ज न मिलने के कारण उप वनक्षेत्रपाल हरीश तिवारी चार्ज ‘एज्यूमÓ कर कर विभागीय काम कर रहे है। इस मामले में डीएफओ उमरिया मोहित सूद का कहना है कि जब बहुत ज्यादा जरूरी हो या कोई आपातकाल की स्थिति हो तो चार्ज ‘एज्यूमÓ किया जाता है,फूल चार्ज के मामले में डीएफओ उमरिया का कहना है कि जब कोई शासकीय सेवक सस्पेंड हो जाता है तो वह कार्य का संपादन नहीं कर सकता है,क्योंकि प्रभार लेने के लिए चार्ज सूची बनाई जानी होती है,इसलिए समय की बचत के लिए यह अच्छा होता है कि चार्ज ‘एज्यूमÓ कर लिया जाए।हरीश तिवारी के द्वारा ऐसा ही कुछ किया गया है। वही इस मामले में हरीश तिवारी का कहना है कि निलंबित होने के बाद लगातार पीयूष त्रिपाठी के द्वारा चार्ज देने में टालमटोल किया जाता रहा है इसलिए फुल चार्ज नही मिल पाया है। वही इस मामले में जब नौरोजाबाद वनपरिक्षेत्र अधिकारी से निलंबित हुए वर्तमान में शहडोल में उड़नदस्ते में पदस्थ पीयूष त्रिपाठी का कहना है कि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है मैंने जानबूझकर कोई प्रॉब्लम क्रिएट नहीं की है। लेकिन जब उसने पूछा गया कि एक माह होने को है अभी तक चार्ज क्यों नही दिया गया तो उनका कहना है कि हरीश तिवारी का कहना है कि आपके द्वारा टालमटोल की जा रही है तो उन्होंने दलील दी कि ऐसा कुछ भी नही है डीएफओ साहब जब चाहे लें। जानकारी यह भी निकाल कर सामने आ रही है की नौरोजाबाद से निलंबित अधिकारी के द्वारा अभी तक 2 से 3 कर्मचारियों को अपने निजी काम में लगा कर रखा गया है और शहदोल में पदस्थापना के बाद भी नौरोजाबाद का मोह नही छूट रहा है। हालांकि एक माह बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर फुल चार्ज न देना और सीसीएफ शहदोल द्वारा पदस्थ किए गए अधिकारी के द्वारा आरोप लगाना कई तरह के सवाल खड़े करता है। मामले में असल सच्चाई क्या है यह तो वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा मामले को संज्ञान में लेने के बाद ही पता चल पाएगा।

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