शराब कबाब के बीच पूरी रात डीजे की धुन पर टूटेंगे कायदे
पश्चिमी सभ्यता की तर्ज पर नए साल का अश्लील आयोजन
बीते 4 वर्षों की असफलता के बाद एक बार फिर बिक रही अनाधिकृत टिकटें
शहडोल। पश्चिमी सभ्यता की तर्ज पर धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ और युवाओं को शराब और कबाब तथा अभद्र गानों के डांस की ओर धकेलने का एक उचित प्रयास एक बार फिर शुरू हो गया है हालांकि बीते 3 से 4 सालों से बुढार की खुद को एक ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठान बताने वाले मालिक एक बार फिर क्षेत्र में लाखों रुपए की टिकटें बेच रहे हैं हालांकि मनोरंजन कर और सर्विस टैक्स के नाम पर क्या-क्या खाना पूर्ति की गई है यह तो जांच का विषय है लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सेवा के दम पर पश्चिमी सभ्यता को जबरिया थोपा जा रहा है हिंदू धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने की दिशा में तथाकथित हारे हुए खिलाड़ी के नाम पर ख्याति प्राप्त कांग्रेस के तथाकथित नेता के कार्यक्रम के पोस्टर इन दोनों सुर्खियां बटोर रहे हैं हालांकि पूर्व में भी उनके प्रतिष्ठान में बंद कमरों के अंदर जुआ खिलाने और शराबखोरी कराने के आरोप लगते रहे है दावा किया जा रहा है कि बार का लाइसेंस लिया गया है और एक दिन यहां पर जमकर शराब परोसी जाएगी। शराब की मात्रा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि परोसी जा रही शराब की क्वांटिटी कितनी होगी उसकी दरें क्या होगी यह भी अलग सवाल है लेकिन शराब और कबाब के लजीज स्वाद को लेकर एक बार फिर कान फोड़ू डीजे और अश्लील नृत्य का समय बांधने का झूठा सपना क्षेत्र के युवाओं को दिखाकर उन्हें अश्लीलता की ओर पश्चिमी सभ्यता की ओर धकेले जाने का प्रयास किया जा रहा है गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में मध्य प्रदेश सरकार के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डीजे पर प्रतिबंध लगा के रखा है हिंदू और मुस्लिम तथा अन्य समाज के द्वारा लगाए गए चोगो को उतरवाया गया है लेकिन बुढ़ार में पूरी नाईट फुल मस्ती डीजे की धुन पर डांस शराब और शराब परोसने का दवा कहीं ना कहीं तथा कथित कांग्रेस नेता के द्वारा सूबे के नए मुख्यमंत्री और कानून तथा प्रशासनिक व्यवस्था को चुनौती दी जा रही है हालांकि हारे हुए खिलाड़ी का यह दावा भी अंतिम समय में इस बार भी फेल हो जाएगा लेकिन इस मामले में हिंदू नव वर्ष का इंतजार मार्च में करने की जगह पश्चिमी सभ्यता और 1 जनवरी को नए वर्ष के रूप में मनाने का दवा कहीं ना कहीं तथाकथित कांग्रेस नेता की कुत्सित सोच को भी दर्शाता है हालांकि देखना यह है कि इस मामले में हिंदू धार्मिक संगठन आने वाले दिनों में क्या कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तरह तथा नेता बनाम कारोबारी की सेवा से संतुष्ट हो जाते हैं।