साहब… आखिर सामाजिक अपराध को कौन दे रहा बढ़ावा

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खुलेआम संभागीय मुख्यालय में चल रहा ओपन-क्लोज का अवैध कारोबार

शहडोल। पुलिस मुख्यालय से स्पष्ट आदेश है कि क्षेत्र अंतर्गत शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जितने भी माफिया हैं, सभी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाये, जोन अंतर्गत तीनों पुलिस अधीक्षक को एडीजीपी डी.सी.सागर ने निर्देशित किया था कि तीनों जिलों में जहां भी जुआं का फड़ संचालित हो रहा है, उसे तत्काल बंद कराने की कार्यवाही की जाए, इसके अलावा यदि कहीं सट्टा पर्ची कट रही हो तो, वहां भी कार्यवाही की जाये, हालाकि वरिष्ठों के आदेशों का दम थाना क्षेत्र तक आते-आते फूलने लगता है, संभागीय मुख्यालय में ही खुलेआम सट्टे का कारोबार चल रहा है, बीते 6 माहों में जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है, अगर उस सूची पर ही नजर डाल ले तो, लगातार एक व्यक्ति को सुबह उठाया जाता है, शाम होते-होते वह छूटकर बाहर फिर अपना काम करना शुरू कर देते हैं, माफियाओं पर नकेल कसने की जवाबदारी तो दी जाती है, लेकिन जिस बीट प्रभारी के क्षेत्र में ऐसे अवैध कारोबार संचालित होते हैं, उन पर किसी की नजर आखिर क्यों नही पड़ती।

साहब की मंशा पर पानी

सामाजिक अपराध पर अंकुश लगाने का दम भरने वाली पुलिस इन दिनों संभागीय मुख्यालय में सटोरियों को अभयदान दे रखी है, इसके एवज में सट्टा कारोबारी द्वारा पुलिस महकमे की खातिरदारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। तभी तो कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंधी बाजार लेकर बुढ़ार चौक तक लम्बे समय से धोनी, आशू, अज्जू, गगन, मंजा नामक सरगना के द्वारा नगर के मुख्य जगहों पर गुर्गो के माध्यम से सट्टे की पर्ची हाईटेक रूप से कटवाया जा रहा है, ऐसा नहीं की इन सरगनाओं के द्वारा कोई नया काम प्रारंभ किया गया हो, लेकिन सब जायज की तर्ज पर धड़ल्ले से अवैध कारोबार को संचालित किया जा रहा है। यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि जब संवेदनशील एडीजीपी एवं पुलिस अधीक्षक जहाँ एक ओर पुलिस की छवि बरकरार रखने के लिए माफियाओं सहित सट्टा, जुआं जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने की बातें कर रहे हो, लेकिन संभागीय मुख्यालय में ही उनके अधीनस्थ कर्मी साहब की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।

बुढ़ार चौक पर चलता धोनी का सिक्का

संभागीय मुख्यालय के बुढ़ार चौक पर धोनी का सट्टे के कारोबार में सिक्का चलता है, धोनी खुद व गुर्गाे के माध्यम से शहर में 1 के बदले 80 का लालच देकर बेरोजगार युवाओं सहित मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले गरीब तपको को लुट रहा है, ऐसा नही की धोनी द्वारा कोई नया कारोबार प्रारंभ किया हो, लेकिन चंद सिक्को के आगे पुलिस भी उक्त सटोरिये के आगे बौनी साबित हो रही है और आज उक्त सटोरिया ने इस अवैध कारोबार से संपत्ति बना डाली है, जिसकी जांच अगर किसी सूक्ष्म एजेंसी से कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

नशे की तरफ बढ़ाए कदम

पुलिस रिकॉर्ड की बात करे तो यहाँ धोनी को सट्टे के कारोबार के लिए कई बार पुलिस ने इसे सट्टे का कारोबार करते हुए पकड़ा है, चर्चा है कि वर्तमान में उक्त सट्टोरिए ने सट्टे के कारोबार को हाईटेक करते हुए गुर्गाे के माध्यम से गरीबों को लूटने का बीड़ा उठा रखा है, चर्चा है कि खुद सूखे के नशे के कारोबार में कूद चुका है, कथित सटोरिए की पुलिस से मिलीभगत की चर्चा किसी से छुपी नहीं है, पूर्व में कोतवाली तक पहुंचने के चलते उसे अब वर्दी का भय नहीं रह गया है, अब उसने युवाओं को नशे का आदी बनाने की ओर भी कदम बढ़ा लिया है। सूत्रो की माने तो प्रतिदिन अवैध व्यवसाय से हजारों का वारा-न्यारा किया जा रहा है ।

नजर अंदाज कर रहा अमला

कोतवाली क्षेत्र में फल-फूल रहे सट्टा कारोबार में यहां पदस्थ अमला बाखूबी वाकिफ है, यहां तक कि आशू, अज्जू, गगन और मंजा के हर एक ठीहे को थाना का अमला जानता है, इसके बाद भी इन्हे नजर अंदाज कर कारोबारी को आश्रय देने का काम किया जा रहा है। पुलिस द्वारा सट्टा कारोबारी को इतना सह किन कारणो से दिया जा रहा है, यह उनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता। जिससे उक्त सटोरिए भी डंके की चोट पर अवैध कारोबार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। चर्चा है कि मंजा नामक सट्टेरिए द्वारा सट्टे के साथ शराब का अवैध कारोबार किया जाता है, लेकिन पुलिस को छोडक़र सबको मालूम है ।

ओपन-क्लोज का कारोबार

नगर में जिस तरह सटोरियों ने कारोबार फैला रखा है व पुलिस को मुंह छिड़ा रहा है, यहां तक कि सटोरियों ने अपना-अपना क्षेत्र बांध रखा है, बस फरक इतना है कि सट्टा बाजार का बोर्ड नहीं लगा है। पूरे नगर के मुख्य तिराहो पर उक्त सटोरिया द्वारा खुलकर ओपन क्लोज का कारोबार कर किया जा रहा है, इन सट्टो की दुकानो के सामने से पुलिस निकलती जरूर है, लेकिन हाथ हिलाते निकल जाती है और ये कारोबारी दिन-प्रतिदिन गरीब तबके को लूटने में लगी हुई है।

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