प्राथमिक शिक्षा से ही विद्यार्थी के भविष्य की नींव पड़ती है : कलेक्टर

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शालाओं में शैक्षणिक गुणवत्ता तथा बेहतर परीक्षा परिणाम पर आयोजित कार्यशाला सह समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन

उमरिया। प्राथमिक शिक्षा से ही विद्यार्थी के भविष्य की नींव पड़ती है। अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य निर्माण हेतु शालाओं में अध्ययन के लिए भेजते है। अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा उतरना तथा प्राथमिक कक्षाओं से ही विद्यार्थियों में संस्कार तथा प्रतियोगी भावनाओं को जागृत करना, शिक्षकों का दायित्व है। यह तभी संभव है जब शिक्षक समय पर स्कूल में उपस्थित हों, समय पर पाठ्यक्रम पढ़ाया जाए तथा शिक्षक निष्ठा एवं ईमानदारी से अपनी क्षमताओं का उपयोग विद्यार्थियों के हित में करें। आगामी समय में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों व्दारा शालाओं का निरीक्षण किया जाएगा तथा उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता की मानीटरिंग की जाएगी। मानीटरिंग में खरा नहीं उतरने वाले शिक्षकों के विरूध्द कार्यवाही भी जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर बुध्देश कुमार वैद्य ने पीटीएस सभागार में जिला शिक्षा केंद्र व्दारा आयोजित शालाओं में शैक्षणिक गुणवत्ता तथा बेहतर परीक्षा परिणाम पर आयोजित कार्यशाला सह समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, पुलिस अधीक्षक पीटीएस उमरिया, जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह गौर, डीपीसी सुशील मिश्रा सहित एपीसी, बीआरसी, बीएसी, सीएसी, प्रोग्रामर, समन्वयक, नव साक्षरता सहित शालाओ के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।
सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि राज्य शिक्षा संस्थान व्दारा ग्रेडिंग के लिए तय किए गये बिंदुओं के आधार पर उमरिया को उच्च ग्रेडिंग मे लाने हेतु विशेष प्रयासों की आवश्यकता है। इसके लिए बीईओ, बीआरसी, बीएसी, सीएसी तथा प्रधानाचार्य शैक्षणिक गुणवत्ता के सभी मापदण्ड पूरा करानें के लिए समन्वित प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मेटरिंग मानीटरिंग का कार्य लक्ष्य के अनुरूप किया जाए। शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयो के विद्यार्थियों की कक्षावार मैपिंग की जाए, जिससे कोई भी विद्यार्थी ड्राप आउट नही हो। ड्राप आउट बच्चों के लिए विशेष छात्रावास संचालित किए जाए । स्वयं सिध्दी चैट बोर्ड से सभी अध्यापक विद्यार्थियों को अभ्यास कराएं। पाठ्य पुस्तकों का शत प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करें। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु विद्यालयो की नियमित मानीटरिंग की जाए। पांचवी एवं आठवीं बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा परिणाम प्राप्त करने हेतु अभी से तैयारी शुरू की जाए। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सहभागिता कराई जाए जिससे उन्हें नवोदय विद्यालय, श्रमोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि मे प्रवेश मिल सके। उन्होंने कहा कि मध्यान्ह भोजन का नियमित संचालन हो, तथा भोजन गुणवत्ता पूर्ण हो । इसके लिए आवश्यक है कि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की भी नियमित मानीटरिंग की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह गौर ने कहा कि जब तक शिक्षक खुद अपडेट नहीं रहेंगे, विद्यार्थियों से संवाद नहीं रखेंगे तब तक वे बेहतर परिणाम नहीं दे सकते है, इसलिए शिक्षक खुद पढे, अपडेट रहे तब जाकर विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शासन व्दारा एप या पोर्टल के माध्यम से जो भी जानकारी चाही जाती है, वह समय पर अपडेट किया जाए जिससे जिले की ग्रेडिंग प्रभावित नही हो। डीपीसी सुशील मिश्रा व्दारा जिले की वर्तमान स्थिति तथा जहां सुधार की आवश्यकताएं है की जानकारी प्रस्तुत की गई तथा उन्होंने कहा कि 30 जनवरी तक जिन बिंदुओं में जिला पीछे है उसकी जानकारी फीड कर दी जाए जिससे उमरिया जिला बेहतर परिणाम दें सके। बैठक में विद्युत मण्डल के माध्यम से शालाओं में विद्युत कनेक्शन के संबंध में कलेक्टर व्दारा कार्यपालन यंत्री विद्युत मण्डल को निर्देश दिए गए । जिस पर उन्होंने 15 फरवरी तक कार्य पूरा करके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की बात कही ।

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