…यहाँ माफिया के इशारे पर सरकती है जमीन,बच्चों का खेल मैदान गायब कर माफिया कर रहा प्लाटिंग

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शहडोल। जिले के ब्यौहारी विकास खण्ड मुख्यालय के नगरीय क्षेत्रफल और इससे सटे ग्रामीण क्षेत्र की भूमि के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं, मुख्यालय से कई घंटो की दूरी होने के कारण यहां से अधिकारियों का ब्यौहारी जाना अन्य ब्लाक मुख्यालयों की तुलना में बहुत कम होता है। जिस कारण यहां राजस्व और अन्य विभागों के अधिकारियों ने क्षेत्र को चारागाह बना रखा है। शहडोल के संभाग बनने और ब्यौहारी के जिला बनने की सुगबुगाहट के कारण ब्यौहारी मुख्यालय की जमीनों के दाम कई गुना बढ़े हैं, यही कारण है कि यहां भू-माफिया संभाग के अन्य स्थानों की जगह न सिर्फ अधिक चांदी काट रहे हैं, बल्कि चांदी की फेर में नियमों की धज्जियां भी बेखौफ होकर उड़ाते हैं, मजे की बात तो यह है कि ब्यौहारी स्थित रजिस्टार कार्यालय से लेकर तहसील, अनुविभागीय राजस्व कार्यालय और निकाय के जिम्मेदार, सब इस गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।
पटवारी बनाम-भू-माफिया
ब्यौहारी कस्बे के साथ ही समीपी ग्रामों में जिन पटवारियों की तैनाती राजस्व अमले द्वारा की गई है, बीते 5 वर्षाे के दौरान उनकी चल-अचल संपत्ति की जांच की जाये तो, बड़े खुलासे हो सकते हैं, आरोप हैं कि मुख्यालय में रहने वाले कामता नामक पटवारी दंपत्ति इस सूची में सबसे आगे हैं, कामता खुद बोड्डिहा में पदस्थ है तो, उनकी पत्नी खामडांड क्षेत्र की पटवारी हैं, ब्यौहारी कस्बे और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों की जनता कामता को पटवारी के साथ-साथ जमीन के कारोबारी के नाम पर ज्यादा जानती है। यह अलग बात है कि इसकी खबर तहसीलदार और एडीएम को नहीं है।

कामता है की मानता नहीं
ग्राम खामडांड स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय के भू-खण्ड पर माफिया के कब्जे का मामला बीते पखवाड़े अचानक सुर्खियों में आया था, जितनी तेजी के साथ यह मामला सामने आया, उससे दुगनी तेजी के साथ तहसील और अनुविभागीय राजस्व कार्यालय के द्वारा उसे दफन भी कर दिया गया। शासकीय प्राथमिक विद्यालय खामडांड के आराजी खसरा नंबर 497 की भूमि जहां पर उप स्वास्थ्य केन्द्र, आंगबाड़ी भवन व विद्यालय का खेल मैदान दर्शित था, यह भूमि सरकते-सरकते मूल स्थान से नदारद हो गई और वहां 498 और अन्य निजी स्वामित्व की भूमि पहुंच गई, यह राजस्व हलका कामता पटवारी की पत्नी ऑन रिकार्ड देखती हैं, लेकिन ऑफ रिकार्ड कामता ही पूरे कार्य निपटाता है और इस शासकीय भू-खण्ड को राजस्व रिकार्ड में इधर से उधर करने का काम भी कामता का ही खेला है।
दिखावा रहा जांच का कोरम
बीते सप्ताह यह मामला सामने आने के बाद एसडीएम नरेन्द्र धुर्वे के निर्देश पर तहसीलदार और राजस्व अमले की टीम मौके पर पहुंची थी, बाद में यह रिपोर्ट सामने लाई गई कि हाईवे और स्कूल के बीच की जमीन निजी स्वामित्व की है, जहां कोई प्लाटिंग नहीं हो रही है। जिम्मेदारों ने पूर्व के वर्षाे के न तो रिकार्ड खंगाले और तो और जांच भी उसी के साथ की गई, जिस पटवारी पर अन्य के नाम पर अनुबंध कर यहां प्लाटिंग करने के आरोप थे। टीम के पहुंचने और वापस जाने के बीच के कुछ घंटो के लिए प्लाटिंग के लिए लगाये गये पोल, चूना डालकर काटे गये प्लाट और बेचने के लिए लगे हुए दलाल सबको ऑफ कर दिया गया।
रद्दी में प्रधानाध्यापक का साहस
ब्यौहारी से रीवा जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित खामडांड विद्यालय के ठीक सामने पटवारी की सह पर नजूल की भूमि को सरका कर राजस्व रिकार्ड में निजी स्वामित्व की भूमि अंतरित हो गई। प्रधानाध्यापक ने जब प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी और उप स्वास्थ्य केन्द्र के ठीक सामने के दशकों पुराने नजूल के भू-खण्ड पर प्लाटिंग होते देखी तो, एसडीएम ब्यौहारी को 27 मई को विभागीय पत्र प्रेषित किया था, लेकिन उसका यह साहस भू-माफिया के गठबंधन के आगे धरा का धरा रह गया, बिना बाउण्ड्री और खेल मैदान के हाईवे से सटे प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी पर हो रहे माफिया-राजस्व के गठजोड़ को तोडकऱ नजूल की भूमि मुक्त कराने की नागरिकों ने कलेक्टर व कमिश्नर से मांग की है।

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