…तो गाइड लाईन के फेर में सीएम के कार्यक्रम की बढ़ेगी उलझन

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कलेक्टर की पत्रकारवार्ता में छाये रहे सिविल सर्जन के दर्जनों मुद्दे

शहडोल। पिछले दरवाजे से दंत चिकित्सक ने शहडोल के सिविल सर्जन की कुर्सी पर बैैठकर ही इतिहास नहीं रचा, बल्कि कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन, दंत चिकित्सक जी.एस.परिहार के कुर्सी सम्हालने के बाद अब तक इनके ऊपर जो आरोप लगे हैं, उतने आरोप इनके पहले के सभी सिविल सर्जनो पर नहीं लगे होंगे। 15 नवम्बर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महामहीम मंगूभाई पटेल शहडोल पहुंच रहे हैं, इन सबके बीच सिविल सर्जन के द्वारा झूठी जानकारी देकर वेतन वृद्धि का फायदा और गोंगपा के द्वारा किया गया आंदोलन व जिला चिकित्सालय में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाये जाने के पोस्टर का मुद्दा गर्माया हुआ है। शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने 14 नवम्बर की दोपहर 15 नवम्बर के कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर पत्रकारवार्ता का आयोजन किया, लेकिन पूरे वार्ता में डॉ. जी.एस. परिहार का मुद्दा छाया रहा, लगभग पत्रकारों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री के समक्ष ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्टर से समय दिलाने की मांग रख दी। वहीं कलेक्टर ने पत्रकारों के जिला चिकित्सालय में प्रवेश पर लगाये गये प्रतिबंध के मुद्दे पर गाइडलाईन देखने की बात कही, जिस पर पत्रकार बिफर गये।
उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल को सौंपेंगे ज्ञापन
कलेक्टर परिसर में ही पत्रकारों का रूख स्पष्ट नजर आया, प्रमुख समाचार पत्रों और इलेक्ट्रानिक मीडिया के अलावा आधा सैकड़ा पत्रकारों ने इस मामले में स्पष्ट किया कि सिविल सर्जन के खिलाफ बिना कार्यवाही के वे नहीं मानेंगे। पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अलावा पुराने मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसमें सिविल सर्जन पर लगे आरोपों की जांच अभी लंबित पड़ी हैं। पत्रकारों ने एक स्वर में ज्ञापन तैयार करते हुए उस पर अपनी सहमति दे दी और यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री और राज्यपाल व अन्य विभाग प्रमुखों को भी ज्ञापन सौंपे जायेंगे, कुल मिलाकर देखा जाये तो, सिविल सर्जन के कारनामों के कारण प्रदेश के मुखिया और देश के प्रधानमंत्री तथा भगवान बिरसा मुण्डा के कार्यक्रम को जैसे नजर लग गई हो।

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