क्लोजिंग से पहले क्लोज करने में जुटी परियोजना

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शहडोल। आदिवासी बाहुल्य जिले में एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना में आई विभिन्न मदों की राशि को वित्तीय वर्ष 2024-25 के खत्म होने से पहले खातों मे शेष बची राशि को खत्म करने की मुहीम तेज कर दी गई है, बताया गया कि साहब का एक पांव शहडोल और दूसरा पांव उमरिया में रहता है। विभाग से आई योजनाओं के साथ ही अन्य योजनाओं और मदों से शेष बची राशि को 31 मार्च से पहले निपटाने की इन दिनों व्यापक तैयारियां नजर आ रही है, हालात यह हैं कि जिम्मेदार खातों को क्लोज करने की जल्दबाजी में कायदों को भी भूल चुके हैं, हालात यह हैं कि सुदूर ग्राम और कस्बों की बात तो दूर परियोजना कार्यालय में ही लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदारी देकर आमने-सामने के अधिकारी शासकीय सकरे मार्ग पर ही वृक्षारोपण के नाम मार्ग को सकरा करने में लगे नजर आ रहे हैं। कार्यालय परिसर में शेड का निर्माण और सडक़ पर पौधों की क्यारी के नाम पर घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है।
लाल ईंटे और दुर्घटना की आशंका
कार्यालय के ठीक सामने दोयम दर्जे के लाल ईंटो से लोक निर्माण विभाग के यंत्री पूना लाल कारपे के द्वारा पौधों के लिए क्यारी का निर्माण कराया जा रहा है, मुख्य मार्ग से सटकर हो रहा क्यारी का निर्माण कभी भी वाहन चालकों और राहगीरों के लिए दुर्घटना का सबब बन सकता है, मजे की बात तो यह है कि जिस स्थान पर क्यारी बनाई जा रही है, उसके ठीक सामने लोक निर्माण विभाग का संभागीय कार्यालय है, यही नहीं परियोजना अधिकारी के द्वारा अंदर अनावश्यक शेड के ऊपर शेड जोडक़र बनाया जा रहा है, बकौल परियोजना अधिकारी ढ़ाई लाख रूपये की राशि निर्माण के लिए स्वीकृत की गई है।
सडक़ निर्माण से टूटेगी क्यारी
दोयम दर्जे के लाल ईंटो को रखकर क्यारी के नाम पर खातों को साफ करने की मुहीम सिर्फ यहीं तक नहीं सिमटी, बताया जा रहा है कि परियोजना सोहागपुर और उमरिया जिले में छोटे-छोटे मदों में बांटकर लाखों का बजट वापस लौटने से पहले साफ करने की मुहीम चलाई जा रही है, कुछ खरीदी व कुछ निर्माण तथा मरम्मत के नाम पर 31 मार्च से पहले पूरा खेल-खेला जा रहा है। स्थानीय नागरिक बताते हैं कि जल्द ही सडक़ का निर्माण और चौड़ीकरण होना है, जिससे निर्माणाधीन क्यारी टूट ही जायेगी। वैसे भी क्यारी बनने से दुर्घटनाओं का आंकड़ा जरूर बढ़ेगा।
इनका कहना है…
ढ़ाई लाख की लागत से निर्माण किया जा रहा है, सडक़ के चौड़ीकरण और लाल ईंटो के उपयोग के संदर्भ में हमें कोई जानकारी नहीं है।
विमल चौरसिया
परियोजना प्रशासक
शहडोल

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