केंद्र सरकार तक पहुंची कटनी एसपी की शिकायत, मुख्य सचिव को अपर सचिव ने भेजा पत्र, बोले-एसपी के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई

केंद्र सरकार तक पहुंची कटनी एसपी की शिकायत, मुख्य सचिव को अपर सचिव ने भेजा पत्र, बोले-एसपी के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई
कटनी।। दमोह जिले में पदस्थ तहसीलदार द्वारा कटनी में पदस्थ उनकी सीएसपी पत्नी का विवाद एक बार फिर गरमा गया है। पति की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए भारत सरकार के अपर सचिव चंदन कुमार ने मप्र सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सवाल किया है। पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा द्वारा की गई शिकायत में पुलिस अधीक्षक द्वारा जान से मारने की धमकी देने के विरुद्ध की गई वैधानिक कार्रवाई से शिकायतकर्ता को अवगत कराएं। 9 अप्रैल को लिखा यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इधर तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा अब भी दहशत के कारण अपने कार्यालय ड्यूटी पर नहीं जा रहे हैं। उनकी रैकी कराई जा रही हैं। जिसके चलते वें कार्यालय नहीं जा पा रहें हैं,उन्हें डर हैं कि उन्हें किसी भी झूठे मामले मे फसाया जा सकता हैं। तहसीलदार शैलेन्द्र बिहारी शर्मा ने मार्च माह में डीजीपी सहित आला अधिकारियों को शिकायत करते हुए कटनी एसपी पर गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि एसपी अभिजीत रंजन मेरी हत्या करवाना चाहते हैं। मेरी पत्नी ख्याति मिश्रा को ब्लैकमेल कर उल्टे-सीधे आवेदन दिलवा रहे हैं। मेरी पत्नी एसपी के पद के दबाव में हैं, जिसके कारण कुछ बोल नहीं रही है। कटनी एसपी परिवार का विखंडन कराने पर तुले हुए हैं। इस बात का डर है कि कहीं कटनी पुलिस अधीक्षक परिवार के किसी सदस्य को हानि न पहुंचा दें। उल्लेखनीय है कि सीएसपी ख्याति मिश्रा ने भी डीजीपी को पत्र लिखकर पति शैलेन्द्र बिहारी शर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इस पर शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि पत्नी को डरा-धमकाकर ऐसे पत्र लिखवाए जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय को भेजा मामला
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएएसी) ने पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के खिलाफ मिली गंभीर शिकायत को गृह मंत्रालय को कार्रवाई के लिए भेज दिया है। यह शिकायत जबलपुर निवासी अधिवक्ता देवेंद्र शर्मा द्वारा की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एसपी अभिजीत कुमार रंजन ने दमोह के तहसीलदार डॉ. शैलेन्द्र बिहारी शर्मा के चाचा और कटनी की सीएसपी ख्याति मिश्रा को ब्लैकमेल किया और जान से मारने की धमकी दी। यूपीएससी ने स्पष्ट किया है कि आयोग की भूमिका केवल परीक्षा आयोजित करने और पात्र उम्मीदवारों की सिफारिश करने तक सीमित है। किसी अनुशंसित उम्मीदवार के खिलाफ शिकायत या दस्तावेजों की पुष्टि संबंधित मंत्रालय या विभाग का विषय है। इसलिए, आयोग ने यह शिकायत गृह मंत्रालय को अग्रेषित कर दी है, ताकि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा सके।