…तो क्या सरपंच व उपयंत्री लील गये 2 ट्रक सीमेंट

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अप्रैल 2017 में लिया सीमेंट, काम शुरू हुआ अप्रैल 2019 में
कटघरे में प्रशांत गुप्ता की दक्षा ट्रेडर्स

(Amit Dubey-91+8818814739)
शहडोल। निर्जन स्थान पर जनपद बुढ़ार के ग्राम साबो में बन रही कलवर्ट पुलिया की शिकायत के बाद यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। उक्त मामला शिकायत के बाद सुर्खियों में आया तो जनपद सीईओ ने जांच टीम बनाकर मौके पर भी भेजी, उसके बाद मैनेजमेंट का खेल चला, लेकिन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण की मद से बन रहे उक्त पुलिया के संदर्भ में जब पंचायत द्वारा खर्च की गई राशि की जानकारी खंगाली जाने लगी तो चौकानी वाली जानकारियां सामने आई, जिस पुलिया का निर्माण पंचायत के सरपंच व उपयंत्री ने मिलकर बीते डेढ़ से दो माह पहले शुरू किया, उस पुलिया को बनाने के लिए लगभग 2 वर्ष पहले तत्कालीन रोजगार सहायक अजय सिंह व महिला सरपंच के पति ने मिलकर उपयंत्री के साथ बुढ़ार के जैतपुर चौराहे स्थित दीक्षा ट्रेडर्स के संचालक प्रशांत गुप्ता से 2 लाख रूपये का सीमेंट खरीदा था और इसका भुगतान पंचायत के खाते से किया था। सवाल यह उठता है कि 2 वर्ष पहले 2 लाख रूपये का लगभग 2 ट्रक सीमेंट दीक्षा ट्रेडर्स से उठकर कहां गया और दो वर्षाे तक कहां रखा गया, सीमेंट गया भी नहीं, यह भी जांच का विषय है।
यह है पूरी प्रक्रिया
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण में आई राशि वरीयता के आधार पर उन स्थानों पर खर्च की जानी चाहिए, जहां से खनिज का उत्खनन हुआ हो, 2 वर्ष पहले ग्राम साबो के गांधी घाट रूंगटा में नरगड़ा नाला में 15 लाख रूपये की राशि तात्कालीन प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में खनिज व जिला प्रशासन की टीम द्वारा उक्त राशि निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत की गई। 14 अप्रैल 2016 को ग्राम पंचायत की सभा में निर्माण कार्य को स्वीकृति दी गई। जिसके बाद 26 दिसम्बर 2016 को तकनीकी स्वीकृति उपयंत्री व अन्य अधिकारियों द्वारा दी गई, जिसमें 3 लाख 15 हजार रूपये मजदूरी और शेष राशि सामग्री पर खर्च करनी थी, 20 अप्रैल को उक्त राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी गई और इसे पंचायत के खाते में भेज दिया गया।
पहले ही दिन डाला डाका!
20 अप्रैल 2017 को जैसे ही पंचायत के खाते में राशि आई तो तात्कालीन रोजगार सहायक अजय सिंह व महिला सरपंच ने बुढ़ार के जैतपुर चौराहे स्थित प्रशांत गुप्ता की दक्षा ट्रेडिंग कंपनी का बिल लगाकर 1 लाख रूपये का बिल लगाकर हस्तांतरित कर दिये। इसके ठीक 10 दिन बाद 30 अप्रैल को फिर एक लाख रूपये दक्षा ट्रेडिंग को दिये गये। उक्त राशि से पुलिया निर्माण हेतु सीमेंट क्रय करना दर्शाया गया।
बिना मूल्याकंन, कैसे हुआ भुगतान
पंचायत अंतर्गत निर्माण कार्य की बिना आधारशिला रखे और बिना काम किये ही रोजगार सहायक व सरपंच ने भुगतान किस आधार पर कर दिया, यह बात भी समझ से परे है कि भुगतान से पहले उपयंत्री को किये गये कार्याे का निरीक्षण कर उसका मूल्याकंन करना चाहिए, मूल्याकंन पत्रक भरने के उपरांत ही राशि का भुगतान होता है, लेकिन यहां खाते में राशि आते ही बंदर-बांट शुरू कर दी गई।
…तो क्या होता है बिलो पर नगदी भुगतान
खबर तो यह भी है कि पंचायत के खाते में राशि आते ही महिला सरपंच के पति ने रोजगार सहायक पर दबाव बनाकर, उपयंत्री अनिल शुक्ला के साथ मिलकर दक्षा ट्रेडर्स को 2 लाख का भुगतान कर दिया और यह राशि कुछ कमीशन काटकर वापस ले ली गई और आपस में ही खुर्द-बुर्द कर ली गई। यदि यह सच है तो दक्षा ट्रेडर्स के द्वारा जिले की बुढ़ार के अलावा अन्य जनपदों में लगाये जा रहे सभी बिलो व हो रहे भुगतानों की सूक्ष्मता से जांच की आवश्यकता है, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इस तरह का गोलमाल कर दक्षा ट्रेडर्स और उसके प्रशांत गुप्ता जैसे मालिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
इनका कहना है…
2 वर्ष पहले उन्होंने क्या लिया था, ठीक से याद नहीं, बिल भुगतान हुआ है तो सामान दिया होगा।
प्रशांत गुप्ता
संचालक, दक्षा ट्रेडर्स


दो साल पहले कार्य स्वीकृति के बाद ओपीएम के व्यक्ति को ठेके पर दिया था, लेकिन वह स्थल पर गड्ढा कर भाग गया था, जिसके बाद करीब 2 महीने पहले हमने काम चालू किया।
सरपंच पति
ग्राम पंचायत साबो


उक्त निधि का खर्च करना प्रभारी मंत्री की बैठक में डीएमएफ के सदस्यों द्वारा तय किया जाता है, निर्जन स्थान की जांच कराई जायेगी, वहीं दो वर्ष पहले हुए भुगतान के मामले को भी जांच के दायरे में लिया जायेगा।
ललित दाहिमा
कलेक्टर, शहडोल

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