सो रहा राजस्व महकमा, फिर शुरू हुआ अवैध निर्माण

मामला ग्राम गोरतरा में निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत का



(शुभम तिवारी-8770354184)
शहडोल। दर्जन भर भू-स्वामी बीते 2 सालों से गोरतरा स्थित मंगला प्रसाद अग्रवाल के द्वारा बेचे गये भू-खण्ड पर अजीत सिंह द्वारा पत्नी के नाम पर लिये गये भू-खण्ड पर अवैध निर्माण की शिकायत की जा रही है, बावजूद इसके राजस्व अमला कुंभकर्णीय निद्रा से नहीं जागा, पीडि़तों के लगातार शिकायत देने और मामला सुर्खियों में आने के बाद कार्यवाही या जांच तो नहीं हुई, लेकिन 1125 स्क्वॉयर भूमि पर बने भवन में अवैध निर्माण और तेज कर दिया गया। गौरतलब है कि उक्त भू-खण्ड को अजीत सिंह द्वारा 2 से 3 वर्ष पूर्व क्रय किया गया था, जिसका प्रथम तल 1125 वर्गफिट में बनाया गया, लेकिन तीसरी और चौथी मंजिल का रकवा 4 हजार स्क्वॉयर फिट तक पहुंच गया। मामले में स्थगन के बाद भी निर्माण नहीं रूका और जांच-जांच ही बनकर रह गई।
यहां हो रहा अवैध निर्माण
मंगला अग्रवाल द्वारा आराजी खसरा क्रमांक 14 /2/2 के भू-खण्ड का कई लोगों को टुकड़ों में बेचने का सौदा किया, खरीददारों में ग्रीन सिटी में रहने वाले अजीत सिंह की पत्नी श्रीमती नीना सिंह दिखित का भी नाम शामिल है, अन्य आधा दर्जन खरीददारों द्वारा उक्त भू-स्वामी पर मंगला प्रसाद से खरीदी गई भूमि से दुगने रकवे पर निर्माण करने का आरोप लगाते हुए स्थानीय तहसीलदार कार्यालय में स्थगन का आवेदन किया गया था। जिस पर तहसीलदार द्वारा स्थगन दिया गया, लेकिन निर्माण अभी तक नहीं रूका।
रोक के बाद भी जारी निर्माण
अवैध निर्माण को लेकर आशुतोष पाण्डेय, सत्यनारायण मिश्रा, जगनंदन प्रसाद त्रिपाठी, चंद्रदत्त पाण्डेय, श्रीमती दीपकला शर्मा व मृगेन्द्र द्विवदी द्वारा सोहागपुर एसडीएम के यहां वाद दायर किया गया था, जिसमें एसडीएम ने 19 मई 2018 को उक्त भू-खण्ड पर किये जा रहे निर्माण में तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किये थे। एसडीएम सोहागपुर ने अपने आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 145 (1) जा. फौ. के अंतर्गत 15 जून की तिथि तय करते हुए अनावेदक को दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया और तब तक निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिये, लेकिन एसडीएम के आदेशों के बाद भी निर्माण न रूकने के बाद आवेदकों ने पुन: चल रहे निर्माण कार्य एसडीएम के संज्ञान में लाये, जिसके बाद एसडीएम ने 30 अगस्त को पुन: कोतवाली शहडोल को पत्र लिखते हुए मौके पर जाकर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
दर्जनों हुए आवेदन
अजीत ङ्क्षसह द्वारा उक्त आराजियों के आने-जाने के मार्ग पर अवैध निर्माण कर उसे अवरूद्ध किया जा रहा है, 10 फिट चौड़े मार्ग पर अतिक्रमण करने के कारण वह सकरा हो गया, जिससे आने-जाने में परेशानी होती है, भविष्य में यह परेशानी और बड़ा रूप ले सकती है। मामले की सुनवाई व जांच के बाद एसडीएम ने पूर्व में अतिक्रमण हटाने व कार्य रोकने के लिए स्थगन दिया था, लेकिन निर्माण नहीं रूका। आवेदकों ने बताया कि बीते 2 वर्षाे से लगातार निर्माण कार्य जारी है, इस दौरान दर्जनों आवेदन दिये गये हैं।
निर्माण के बाद अनुमति
करीब 1 दशक पहले ग्रीन सिटी कालोनी में भी अजीत सिंह द्वारा भवन क्रय किया गया था, बाद में ग्रीन सिटी के संचालकों से शिकवा-शिकायत और विवाद की स्थिति बनी, लेकिन जुगाड़ और भाईचारा बनाने में महारत हासिल करने वाले अजीत सिंह द्वारा उक्त भवन के ऊपर चार मंजिला इमारत बना दी गई, खबर है कि बाद में इमारत तानने की इजाजत तो ले ली गई, लेकिन जिस समय ग्रीन सिटी के संचालकों ने उक्त भवन को ग्राम तथा नगर निवेश व नपा के अलावा अन्य कार्यालयों से इसकी अनुमति ली व निर्माण कराया, उस समय उसकी अनुमति सिर्फ एक मंजिल की ही थी, लेकिन बिना अनुमति के पहले निर्माण हुआ और फिर अनुमति स्वीकृत करा ली, लेकिन भवन की प्रथम मंजिल की क्षमता जिसमें उसकी नींव व बीम तो पूर्व में ही बना दिये गये थे, जो चार मंजिला भवन का वजन उठाने में अक्षम थे, भवन निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा भवन कभी भी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकता है।