बीईओ सोहागपुर को कारण बताओ नोटिस जारी

(शंभू यादव+91 98265 50631)
शहडोल। कमिश्नर आर. बी. प्रजापति ने कर्मचारी संघो की शिकायत पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सोहागपुर शिवप्रताप सिंह चंदेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कमिश्नर द्वारा जारी कारण बताओं नोटिस में कहा गया है कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सोहागपुर शिव प्रताप सिंह चंदेल द्वारा शिक्षको की समस्याओं का निदान न करते हुए मनमाने तौर पर कार्य किए गए है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से कई बार मौखिक एवं लिखित पत्राचार करने के बाद भी आज दिनांक तक शिक्षको के समस्याओं का निराकरण नही किया गया है।
एरियर का भुगतान नहीं
जिससे विकासखण्ड के शिक्षको को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। संभागीय सचिव द्वारा लेख किया गया है कि शिक्षकों को सातवें वेतनमान के द्वितीय किस्त के एरियर का भुगतान आज तक नहीं किया गया। जिन शिक्षकों को 1 वर्ष पूर्व क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है आज दिनांक तक क्रमोन्नत एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया है। 1 जुलाई 2018 से फरवरी 2019 एवं 1 जनवरी 2019 से मई 2019 तक का डीए एरियर्स की राशि जो जीपीएफ में जानी है उसका भी भुगतान नहीं किया गया। विकासखंड सोहागपुर के आधे से अधिक शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि जो जुलाई में लगाई जानी थी आज दिनांक तक नहीं लगाई गई।
घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती
माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों का मकान किराया भत्ता अप्रैल एवं मई 2018 के एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया। शासकीय कन्या एमएलबी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संकुल के शिक्षकों का एक जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2016 तक के मकान किराया भत्ता के एरियर्स का भुगतान नहीं किया। जिससे शिक्षकों एवं कर्मचारियों में उनके प्रति भारी अप्रसन्नता व्यक्त किया गया है। इस प्रकार श्री चंदेल ने अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने में घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती है। उपरोक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-3 के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आने से दंडनीय है।
दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी
उपरोक्त के लिए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-10 (4) सहपठित नियम 16 के अंतर्गत यह सूचना पत्र जारी किया जाता है कि क्यों ना आपकी दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाए। उपरोक्त के संबंध मैं अपना जवाब दिनांक 4 अक्टूबर 2019 को समय 11.00 बजे इस कार्यालय में उपलब्ध करावे। समय में जवाब प्राप्त ना होने पर यह माना जाएगा कि आप को उक्त संबंध में कुछ नहीं कहना है यह मानते हुए विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।