पवित्र नगरी में पुजारियों का प्रपंच

Ajay Namdev-7610528622
मंंदिर में चाबी के लिए जद्दोजहद, आपस में हो गई कहा-सुनी
प्राकृतिक सौन्दर्य और अनेकों सम्भावनाओं से परिपूर्ण पवित्र नगरी निरन्तर विकास की प्रक्रिया के दौरान इसका सौन्दर्य निखरता रहा है। कहीं पर्वत श्रृंखलाएं, कहीं दूर तक फैले पठार, मैदान, कहीं ऊँची-नीची घाटियाँ विद्यमान हैं। जीवन-दायिनी नदी नर्मदा जो मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है। इसके उद्गम स्थल पर बने मंदिरों में पूजन-अर्चन का कार्य करने वाले पुजारी ही इस सौंदर्यता को बिगाडने में कोई कोर-कसर नही छोडते है।
अनूपपुर/अमरकंटक। माँ नर्मदा मुख्य मंदिर में रविवार को लगभग 3 बजे पुजारियों का आपस में कहा-सुनी हो हुई, मंदिर में सभी पुजारी आपस में ही उलझ गये, मामला घंटो तक चलता रहा, लेकिन निराकरण न हो सका, पहले तो मुख्य मंदिर के बाहर दर्जनभर पुजारी एक दूसरे से सवाल-जवाब कर रहे थे, तभी पता चला कि यहां सात परिवार के सात पुजारी है, जिनकों बारी-बारी से मौका मिलता है, पुजन-अर्चन करने को लेकिन उस दौरान जो बाते हो रही थी वह दान पेटी की चाबी के लिए जद्दोजहद करते रहे। बहरहाल मामला जो भी, लेकिन वहां पर मौजूद भक्त देखकर पुजारी और अपनी भक्ति में अंतर ही स्पष्ट करते रह गये। जिस तरह से पुजारी आपस में कहा-सुनी कर रहे थे उससे भक्ति कम स्वार्थ भावना ज्यादा दिख रहा था।
कही यह तो नही
कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा शारदीय नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसके बाद इनकी झांकी माँ नर्मदा मुख्य मंदिर पहुंचा। जानकारी के अनुसार आश्रम के द्वारा 1 लाख 25 हजार रूपए की राशि दान किया गया था। जिसे सात पुजारियों में बाटना या फिर ट्रस्ट के देख-रेख के लिए उपयोग में लाना हो सकता है, लेकिन चर्चाओं से यह बात पूरी तरह सत्य प्रतीत नही होती, लेकिन पुजारियों का मंदिर में इस तरह की कार्यप्रणाली अशोभीय दिखाई प्रतीत हुई। मंदिर के बाहर मौजूद व्यक्ति से जानकारी लगी कि दान पेटी मे जो भी गहने होते व पैसे होते है उसे ट्रस्ट लेती है और अन्य दानो को आपस में वितरण किया जाता है, खैर मामला कुछ हो, इस तरह की अव्यवस्था व पुजारियों के बीच वाद-विवाद को देख कर कोई भी भक्त खुश नही होगा।
देशभक्त भी रहे मौजूद
मंदिर के सुरक्षा में लगे अमरकंटक पुलिस के कुछ जवान भी यहां मौजूद रहे, लेकिन सिर्फ एक दर्शक के रूप में, किसी ने भी मामले को शांत करने का भी प्रयास नही किया। या यूं कहे कि पुजारियों का एक तरफा कब्जा व आपसी विसंगतियों में पुलिस को कोई लेना देना नही था। कुल मिलाकर यह घटना एक नाटकीय क्रम जैसा प्रतीत होता रहा। मंदिर परिसर में मौजूद दर्जनों भक्त भी पुजारियों का यह क्रियाकलाप देख रहे थे और तंज के अलावा व्यंगात्मक शैली से आपस में हंसते रहे, लेकिन अपने हक की लडाई में पुजारियों को मंदिर परिसर की कोई गरिमा नही दिखाई दे रही थी।
ट्रस्ट को लेना चाहिए निर्णय
मंदिर परिसर में वह भी माँ नर्मदा के मुख्य मंदिर पर रविवार को जिस तरह की क्रियाकलाप पुजारियों की देखने को मिली वह निश्चित ही कोई अच्छा संदेश नही दे रहा था, भक्तो को देखकर लगता था कि भगवान का दिन-रात सेवा करने वाले ही जब आपस में ताल-मेल नही कर पायेंगे तो दूसरे की बात ही अलग हो जाती है। खैर मामला दान पेटी की चाबी का हो या फिर अन्य दान का, लेकिन ट्रस्ट व पुजारियों को मिलकर आपस में समस्याओं को निपटारा करना चाहिए, नही तो वह दिन दूर नही जब पुजारी मंदिर परिसर में ही भक्तों के सामने भिड जाये और एक नाटकीय दृश्य सामने दिखने लगे जो सभी के लिये अशोभनीय प्रतीत हो।
कल्याण सेवा आश्रम में महोत्सव का आयोजन
श्री कल्याण सेवा आश्रम ट्रस्ट अमरकंटक के संयोजकत्व में शारदीय नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया, पूज्य श्री बाबाजी की प्रेरणास्पद उपस्थिति में अन्यंत श्रृद्वा और उल्लास के साथ मनाया गया। बाबा श्री कल्याणदास जी महाराज के शुभाशीष से यह कार्यक्रम शुभारंभ किया गया, पूरे नगर में भ्रमण कर झांगी के माध्यम से सुंदरता बढाई गई। आयोजन को कल्याणिका विद्यालय के बच्चों ने और भी सौदर्यता प्रदान कर रहे थे, बाकायदा रैली में शामिल होकर और कलश रख कर पूरे नगर को भ्रमण कर लोगो को भक्ति का संदेश दिया। इस अवसर पर सहस्त्र चंडी का पाठ, निशा हवन, निशा पूजन, महाआरती, खडग़ आरती, पूज्य श्री बाबाजी का प्रवचन, संत सम्मेलन एवं महा भंडारा कार्यक्रम नवरात्र के पावन पर्व पर किए जायेंगे।