प्रतिभा पर्व के समापन पर संकुल केंद्र करकटी के विद्यार्थी हुए सम्मानित

शहडोल।बुढ़ार।उत्साहित विद्यर्थियों को जब मन का विषय मिलता है तो उनके परिणाम भी अच्छे आते हैं। जनपद शिक्षा केंद्र सोहागपुर के अंतर्गत संकुल केंद्र करकटी के सभी विद्यालय में संकुल प्राचार्य दीपक निगम के निर्देश पर प्रतिभा पर्व का आयोजन हुआ जिसमे संकुल प्राचार्य ने बताया कि समस्त शासकीय एवं प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में प्रतिभा पर्व का आयोजन 12 13 14 दिसंबर 2019को किया गया प्रतिभापर्व के अंतर्गत शालये व्यवस्था संचालन की स्थिति व बच्चों के शैक्षणिक उपलब्धियों का जायजा लिया गया और प्रतिभा पर्व मूल्यांकन को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दृष्टि से यूनिसेफ के सहयोग से गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कक्षा 3, 5, 8 मूल्यांकन की कार्यवाही की गई इन कक्षाओं में हिंदी गणित पर्यावरण अध्ययन विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषय के प्रश्नों के स्वरूप गत वर्ष किए गए बदलाव के अनुसार ही रहेंगे संकुल प्रचार्य दीपक निगम ने यह बताएं कि संकुल के अंतर्गत प्रचार्य ललन सिंह बनाफर हायर सेकंडरी अरझुला एव जन शिक्षक पंकज कुमार शर्मा के द्वारा सतत निगरानी भी की गई।कार्यक्रम के साथ शनिवार को स्कूलों में मनाए जा रहे तीन दिवसीय प्रतिभा पर्व का समापन हो गया। इस दिन प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया। पर्व के तीसरे दिन शनिवार को संकुल करकटी के समस्त शासकीय प्रावि-मावि में बालसभा आयोजित की गई। जन प्रतिनिधियों व पालकों की उपस्थिति में बाल सभा हुई। स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक, साहित्यिक, खेलकूद गतिविधियों में भाग लिया।
प्राइमरी और मीडिल स्कूलों में पढ़े रहे कमजोर बधाों की पहचान करने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र प्रतिभा पर्व का आयोजन करता है। पर्व के तहत विद्यार्थी प्रश्नपत्र हल करते है। इस दौरान संकुल प्रचार्य एव जन शिक्षक स्कूलों में पहुंचकर शैक्षणिक स्तर के साथ ही स्कूल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार किये।संकुल प्रचार्य से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया की बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद, एवं निर्देशों की उत्तमता; संरचित अध्यापन एवं सीखने पर ज़ोर देने वाली गतिविधियों के दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्व है। इसके लिये छात्रों एवं अधिगम के संदर्भ में सीखने की प्रक्रिया के परिणामों में स्पष्ट रूप से प्रत्येक कक्षा और प्रत्येक विषय के लिए संभावित शिक्षण परिणामों पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि यह शिक्षकों, विद्यालय प्रमुखों के द्वारा आसानी से समझा जा सके और इसे माता-पिता और समुदाय के बीच व्यापक रूप से प्रचारित किया जा सके।