राजनगर क्षेत्र में काटे जा रहें सागौन के बेश कीमती वृक्ष
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अनूपपुर/ डोला। अनूपपुर जिले में हसदेव क्षेत्र के राजनगर में ओपन कास्ट कालरी प्रबंधन की लापरवाह रवैया के कारण बेशकीमती वृक्षों की कटाई इन दिनों जोरो पर है। राजनगर ओपन कास्ट कालरी खदान में कोयला उत्खनन के पश्चात समतलीकरण कर वन विकाश निगम उमरिया के द्वारा क्षेत्र में जहां वृक्षारोपण किया गया था और बाद में वन विकाश निगम द्वारा हैन्डओवर कर वृक्षो की देख रेख का जिम्मा कालरी प्रबंधन को सौप दिया गया था। अब कालरी प्रबंधन की लापरवाही के कारण प्रतिदिन सौकडो वृक्ष सागौन के काट कर खुले आम तस्कारी की जा रही है। जिस पर न तो कालरी और नही वन विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है।
विकास निगम ने कलरी को किया था हैन्डओवर
राजनगर ओपन कास्ट कालरी खान की समतली करण के बाद वृक्षा रोपण कर वृक्षों की देखरेख कालरी को सौप दी गई थी । बताया जाता है कि वन विकास निगम उमरिया के द्वारा लगाये गये वृक्षों की देख रेख 5 वर्ष तक किया जाता है उसके उपरांत कालरी प्रबंधन को हैंडओवर कर दिया जाता है। जिसके बाद से संपूर्ण वृक्षों की देखरेख कालरी जिम्मेदारी व निगरानी में किया जाता हैं। लेकिन राजनगर में हसदेव कालरी प्रबंधन के डुलमुल रवैया के कारण इन दिनों वृक्षों की सुरक्षा के अभाव में राजनगर ओपन कास्ट से कीमती सागौन के पेडो की कटाई समेत अन्य कई पेड़ भी काटे जा रहे है। वही धडल्ले से हो रही कटई पर कालरी प्रबंधक द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वन विभाग ने खडे किये हाथ
राजनगर मे के कलरी क्षेत्र मे लगे वृक्षों के सम्बंध में जब क्षेत्र के बीट गार्ड से बात करनी चाही तो इस संबंध में वन विभाग झिरियाटोला में पदस्थ बीट गार्ड डोला विजय नारायण ने बताया कि यह हमारे क्षेत्र से बाहर है इसकी देखरेख वन विकास निगम उमरिया व कालरी द्वारा की जाती है। अब सवाल यह उठता है क्षेत्र मे हो रहे सागौन की बेसकीमती वृक्षों की कटाई कालरी प्रबंधन की लापरवाही के कारण लगातार जारी रहेगी। क्या वन विभाग के क्षेत्र मे नही आनें के कारण वृक्षो की कटई में हस्ताक्षेप व कार्यवही वन विभाग द्वारा नहीं किया जायेगा।
क्षेत्र में जारी है वृक्षों की कटाई
ग्रमीणों द्वारा बताया जाता है कि राजनगर ओपन कास्ट में जहां-जहां वन विकास निगम के द्वारा वृक्षारोपण किया गया है वो देखरेख के अभाव में आये दिन पेड़ो की कटाई की जा रही है , जबकि वन विकास निगम के द्वारा कालरी को हैंडओवर देने के उपरांत भी कालरी प्रबंधन द्वारा वृक्षों के देखरेख के लिए कोई सुरक्षा नहीं की गई। जिससे कि पेड़ों की कटाई लगातार जारी है, पहले तो इन पेड़ो की कटाई जंगलों के अंदर से की जाती थी। किंतु अब पेड़ो की कटाई में संलिप्त लोगो पर कार्यवाही ना होने से इनके हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब डोला फिल्टर प्लांट से महज 50 मीटर की दूरी पर ही लगे सागौन के पेडों की कटाई आरामशीन लगाकर की गई साथ ही 10 से 12 फिट की लकड़ी को चोरी कर लिया गया आखिर इन सब के पीछे किन लोगों का हाथ है यह एक चर्चा का विषय बना हुआ है।