अर्धाग्रि के नाम फर्म बना आधा दर्जन पंचायतों में सप्लाई कर रहे उपयंत्री

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अर्धाग्रि के नाम फर्म बना दुकानदारी कर रहे उपयंत्री
आधा दर्जन पंचायतों में दबाव बना कर रहे सप्लाई
मामला सोहागपुर जनपद के उपयंत्री मनोज शुक्ला का

(shambhu_yadev@9826550631)

पंचायत राज्य अधिनियम को जुगाड़ के फेर में उपयंत्री अपनी मु_ी में लेकर चल रहे है, अचरज तो यह है कि कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय के मुख्यालय में होने के बावजूद मुख्यालय में ही इस तरह के कार्य हो रहे हैं और अधिकारियों ने अपनी आंखे मूंदी हुई हैं। सोहागपुर जनपद की दर्जन से अधिक पंचायतों में उपयंत्री दबाव बनाकर पत्नी के नाम पर पंजीकृत फर्म से सप्लाई कर मजे मार रहे हैं।

शहडोल। सोहागपुर जनपद में पदस्थ उपयंत्री मनोज शुक्ला जनपद और जिले में बैठे अधिकारियों से मैनेजमेंट कर नौकरी के साथ दुकानदारी भी कर रहे हैं। जनपद की दर्जनों पंचायतों में दबाव बनाकर मटेरियल सप्लाई का नया कारोबार चालू किया गया है, आरोप हैं कि मेसर्स ड्रीम हाऊस हार्डवेयर एण्ड इंटीरियर नामक फर्म अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड करवाकर उसमें लाखों के भुगतान करवाये जा रहे हैं। जबकि पंचायत राज्य अधिनियम अंतर्गत ऐसा करने की स्पष्ट मनाही है।


खुद सहित अन्य की पंचायतें कब्जे में
ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में पदस्थ मनोज शुक्ला को शासन द्वारा जनपद सोहागपुर की 10 पंचायतें दी गई है, जिनमें निर्माण कार्याे का मूल्याकंन को हरी झण्डी देने का काम मनोज शुक्ला के ही जिम्मे होता है। इसी पद का दुरूपयोग करते हुए मनोज शुक्ला द्वारा पंचायत के ऊपर अपनी ही फर्म से मटेरियल क्रय करने का दबाव डाला जाता है। इसके अलावा जनपद अंतर्गत अन्य पंचायतों के सचिवों व सरपंचों पर भी जनपद में बैठे संतोष शुक्ला के माध्यम से दबाव बनाकर लाखों के भुगतान अपनी पत्नी के नाम पर खोली गई फर्म में लिए जा रहे हैं।
मनोज का ड्रीम प्रोजेक्ट
मनोज शुक्ला द्वारा पंचायतों में ड्रीम हाऊस हार्डवेयर एण्ड इंटीरियर नामक फर्म से सप्लाई की जा रही है, फर्म का जीएसटी नंबर 23 डीओव्हीपीएस 7130 आर 1 जेडडब्ल्यू है, जो उनकी पत्नी के नाम पर वाणिज्यकर कार्यालय से पंजीकृत है। पंचायतों में लगे बिलों में फर्म का पता पटेल नगर वार्ड नंबर 12 दिया गया है, लेकिन उक्त स्थल पर फर्म है या नहीं, जिस सामग्री का विक्रय पंचायतों में हो रहा है, उसे कथित फर्म खरीदती है या फिर सिर्फ विक्रय कर रही है, यह जांच का विषय है, लेकिन ड्रीम हाऊस के फेर में मनोज के जुगाड़ का ड्रीम प्रोजेक्ट सफल होता दिख रहा है।
यह कह रहा पंचायत अधिनियम
मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 अंतर्गत पंचायतों व शासकीय सेवकों के द्वारा खुद या अपने किसी सगे रिश्तेदार के नाम पर, खुद के टेबिल या हस्ताक्षर से होकर किये जाने वाले भुगतानों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के पृष्ठ क्रमांक 189 अंतर्गत अध्याय 8 में पंचायत की स्थापना, बजट तथा लेखे में यह स्पष्टीकरण टीप किया गया है कि उपधारा के प्रयोजन के लिए अभिव्यक्ति का नातेदार जिसका अर्थ पिता, माता, भाई, बहन, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, ससुर, सास, साला, बहनोई, देवर, साली, भाभी, ननद, देवरी, जेठानी, दामाद या पुत्र वधु के नाम की फर्म के लिए भुगतान करना अधिनियम का उल्लंघन होगा।
इनका कहना है…
पत्नी के नाम पर फर्म बनाना और सप्लाई कर भुगतान लेना गलत नहीं है, मैं दबाव बनाकर सप्लाई नहीं करवाता हंू, आरोप गलत हैं।
मनोज शुक्ला
उपयंत्री, जनपद सोहागपुर
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यदि उपयंत्री मनोज शुक्ला ऐसा कर रहे हैं तो, यह गलत है, जांच करवाई जायेगी, यदि पाया गया तो, कार्यवाही होगी।
पार्थ जायसवाल
सीईओ, जिंप शहडोल
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