बडखेरा में चल रहा सिर्फ जुगाड़ का बखेड़ा @ गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिए लगती है नगदी सरपंच @ सचिव मिलकर बहा रहे भ्रष्टाचार की गंगा

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जिले की करकेली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बडखेरा में सरपंच व सचिव मिलकर भ्रष्टाचार की गंगा बहा रहे हैं, जब ग्रामीण मामले की शिकायत करते हैं तो, उसे मैनेज करने के लिए हरिजन एक्ट तक की धमकी दी जा रही है, वहीं गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने से लेकर छोटे-मोटे कार्याे के एवज में खुलेआम रिश्वत मांगना अब आम हो चुका है।

उमरिया । करकेली जनपद अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बडखेरा इन दिनों सुर्खियों में है, सरपंच और सचिव की जुगलबंदी और मनमानी का आलम यह है कि शासकीय योजनाओं में नाम जोडऩे और काटने के नाम पर ही गरीब ग्रामीणों से खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है, इतना ही नहीं रूपया न देने पर पात्र को अपात्र करने का खेल भी खुलेआम बताकर किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में भी की, लेकिन जांच जनपद में आने के कारण वहां के अधिकारी, सरपंच और सचिव से मिलकर बिना बयान व बिना संपर्क किये ही शिकायतों को बंद कर देते हैं, जिस कारण समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

शिकायत की तो देंगे फसा
ग्रामीण द्वारा बताया गया कि पूरी पंचायत बाबा महाराज नाम के व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही है, जो महिला सरपंच तिलकी बाई को रबर स्टांप के रूप में उपयोग कर रहे हैं। कथित महराज और सचिव मिलकर ग्राम के विकास में आ रही राशि का बंदरबांट करते हैं, यदि इसकी शिकायत की जाये तो, एसटीएसी एक्ट में फंसा देने की धमकी भी देते हैं। गांव के बलराम साहू के साथ भी इस तरह की घटना कारित किये जाने की खबर है।

बेमानी हुई मुख्यमंत्री हेल्पलाईन
गांव के बलराम साहू द्वारा मुख्यमंत्री हेल्प लाईन में इस आशय की शिकायत की गई कि उसके द्वारा पंचायत अंतर्गत कार्य किया गया था, जिसकी 20 हजार रूपये के आस-पास की मजदूरी कथित लोगों ने दूसरों के खातों में डालकर हड़प ली, इस आशय की शिकायत बलराम साहू ने 181 में की थी, जांच में यह बताया गया कि गलती से पैसा दूसरे के खाते में चला गया, 5 हजार रूपये नगद दिये गये और बाकी रूपया जल्द देने की बात कही गई और शिकायत बंद करा दी गई, लेकिन रूपये न मिले, तो दोबारा और फिर तीसरी बार हेल्पलाईन का सहारा लिया गया, जिसके बाद हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी मिलने लगी, दूसरी तरफ जांच अधिकारियों ने बिना संतुष्ट हुए ही शिकायत बंद कर दी।

द्रोपती से लिये 1200
गांव की एक अन्य महिला द्रोपती साहू ने बताया कि उसके परिवार का नाम गरीबी रेखा में जोडऩे के लिए उसके द्वारा आवेदन किया गया था, जिस पर बाबा महराज और सचिव आदि ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। आपत्ति हटाने के लिए 1200 रूपये लिये, लेकिन उसके बाद भी आपत्ति नहीं हटाई गई, द्रोपती और उसका परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहा है, उसका नाम सूची में नहीं जोड़ा जा रहा, जबकि बाबा महराज और सचिव के दर्जनों करीबी, जो धनाड्य हैं, उनके नाम सूची में जोड़कर उन्हें बेजा लाभ भी दिलवाया जा रहा है।

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