तो क्या…खनिज अधिकारी की सह पर आधी रात रेत की चोरी

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रेत ठेकेदार को आधी रात कहा से मिल रहे मजदूर
पोकलेन से हो रहा सोन का सीना छलनी

(Amit Dubey-8818814739)
उमरिया। जिले में खनिज विभाग के संरक्षण में खुलेआम नदियों से रेत उत्खनन किया जा रहा है। खबर है कि आधी रात उत्खनन में कार्रवाई नहीं होने कारण शासन को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। रेत के उत्खनन करने वाले लोग नियमों को दरकिनार कर नदियों में पोकलेन उताकर रेत का खनन कर रहे हैं। खबर है कि सोन नदी के गोवर्धे घाट पर एनजीटी के सख्त आदेश के बावजूद कलेक्टर और खनिज अधिकारी की शह पर स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ से मशीन के माध्यम से रैम्प का निर्माण कराया गया, जो कि प्रतिबंधित है।
आखिर रात में ही क्यों
खबर है कि पहले सोन नदी के गोवर्धे घाट में कैप का निर्माण करने वाले मेसर्स अतुल कुरारिया नामक ठेकेदार ने अपने गुर्गाे के माध्यम से 2 पोकलेन मशीन को नदी में उतार दिया और हाइवा वाहन से रेत का उत्खनन और परिवहन कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा कथित रेत ठेकेदार को आखिर प्रशासन ने आधी रात में वाहन परिवहन करने की छूट क्यों दी, कोरोना संक्रमण काल में जहां दिन में रेत उठाई जा सकती थी, वहां कथित ठेकेदार आखिर रात में ही रेत का उठाव क्यों कर रहा है।
कहां से आ रहे मजदूर
प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मिली भगत इसी बात से साफ होती है कि जहां लोगों में कोविड को लेकर भय है और वह दिन में भी ज्यादा काम पर नहीं आ रहे है, वहीं दूसरी ओर अगर कथित ठेकेदार मशीन नहीं उतार रहा है तो, उसे रेत उठाने के लिए लिए आधी रात को मजदूर कहां से मिल रहे है, प्रशासन और स्थानीय पुलिस द्वारा क्या वहां जाकर देखा गया कि अगर मजदूरों द्वारा रेत निकाली जा रही है तो, वह आधी रात में सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं कि नहीं।
पोकलेन के क्या थी आवश्यकता
जानकारों का कहना है कि जब सोन नदी में मशीन नहीं लगाई जा सकती , तो फिर ठेकेदार द्वारा अपने साथ पोकलेन मशीन क्यों लाई गई, साथ ही जब ठेकेदार द्वारा रेत निकासी के लिए मजदूरों को लाया गया है और छोटे वाहनों को नदी में उतारा जा रहा है तो, जहां रेत डंप की जा रही है, वह कुछ किलोमीटर दूर भी डंप किया जा सकता था, लेकिन लोगों को गुमराह करने के लिए संबंधित अधिकारियों से सांठ-गांठ कर पोकलेन मशीन को आधी में उतारकर नदी का सीना छलनी किया जा रहा है।
पूर्व में भी लगे हैं आरोप
ेऐसा नहीं है कि रेत चोरी और रेत माफियाओं से सांठ के आरोप नये है, खबर है कि जिले में बैठे मुखिया के संरक्षण में खनिज अधिकारी द्वारा खुलेआम पूर्व में भी रेत चोरी करवाई गई, पंचायतों की रेत खदान में खुलेआम हुए रेत चोरी का ताण्डव किसी से छुपा नहीं है। आधी रात को रेत ठेकेदार को खुली छूट देने पर अब प्रशासनिक मुखिया की कार्य प्रणाली सबके सामने आ चुकी है।

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