पीढीया रिश्वत कांड के शिकायतकर्ता का कबूलनामा @ स्टिंग ऑपरेशन में कबूला,दी थी रिश्वत

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(शम्भू यादव @9826550631)
शहडोल। 11 मई को जिले के धनपुरी स्थित विद्युत मंडल के कार्यालय में पदस्थ लिपिक डीके पीडिया के द्वारा स्थानीय व्यवसाई मोहम्मद फिरोज से जले हुए मीटर को बदलने के नाम पर ₹2000 की रसीद काटने के बाद उससे ₹2000 रिश्वत मांगी जा रही थी, इस मामले में शिकायतकर्ता ने मीडिया का सहारा लिया और कथित बाबू को रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद करवाया,यह मामला न्यूज़ चैनलों और समाचार पत्रों की सुर्खियां बना इसे संज्ञान में लेते हुए विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से लिया को निलंबित करते हुए जांच कमेटी गठित कर दी।

पीढ़िया बाबू ने अपने बचाव के लिए शिकायतकर्ता को रुपए देकर अपने विश्वास में लिया और फिर से अपने पक्ष में शपथ पत्र करवा कर विभाग को सौंप दिया था, शपथ पत्र में शिकायतकर्ता और रिश्वत देने वाले युवक मोहम्मद फिरोज ने अपने पुराने बयान देने के मामले से पलटते हुए शपथ पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि उसने कथित बाबू को जो रुपए विभाग में जा कर दिए हैं और जिसे कैमरे में कैद किया गया है वह रिश्वत नहीं बल्कि उसके मीटर का अग्रिम भुगतान है, जो ऑनलाइन जमा न होने के कारण विभाग में आकर उसे नगद दिया जा रहा था, घटना के 2 दिनों बाद मीडिया ने यह राशि एडवांस के रूप में मोहम्मद फिरोज के बिल क्रमांक पर जमा भी करा दी थी।

रिश्वतखोर बाबू ने इस मामले में शिकायतकर्ता को मैनेज कर पूरे मामले को ही दूसरा रूप देते हुए मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था, इस मामले में जब मीडिया ने अपनी पड़ताल शुरू की तो सबसे पहले बाबू को रिश्वत देने से पहले दिए गए दर्जनों काल की रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें खुद ही पूरी बातों को बयां किया था, यही नहीं तीन दिनों के दौरान अलग अलग बयान बाबू ने दिये जो वीडियो व कॉल रिकॉर्डिंग में सामने आए थे, जिसने इस बात को उजागर कर दिया कि खुद को बचाने के फेर में बाबू शिकायतकर्ता को रुपए देकर मैनेज करने के बाद अपने बचाव में पूरा खेल रहा था।

इसी बीच शिकायतकर्ता के द्वारा धनपुरी नगरपालिका के समीप ही मुख्य मार्ग पर सरकारी जमीन में बनाए गए 2 मंजिला इमारत का मामला सुर्खियों में आया, नगर पालिका ने इस मामले में पुलिस को सूचना और शिकायतकर्ता फिरोज को नोटिस देकर करोड़ों की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में जवाब मांगा, यही नहीं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने भी इस मामले में को पत्र भेजकर जवाब मांगे हैं इस मामले में संभागायुक्त और में भी संज्ञान में लेते हुए जांच की बातें कही थी।

इस मामले में अब नए स्टिंग ऑपरेशन से नया मोड़ आया है कि खुद शिकायतकर्ता और रिश्वत देने वाले मोहम्मद फिरोज ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान 2 दिन पहले रिस्वत देने की बातों को स्वीकारा और साथ ही यह भी बताया कि कथित बाबू ने उसे शपथ पत्र देने के लिए मजबूर किया था, स्टिंग ऑपरेशन में शिकायतकर्ता इस बात को कबूला की की कथित रिश्वत पर बाबू अपने रसूख व मंत्री स्तर पर अपने पहुंच का दबाव बनाकर उससे शपथ पत्र बनवाया था, मोहम्मद फिरोज ने रुपए के लेन-देन की बात तो नहीं स्वीकारी, लेकिन यह जरूर कहा कि बाबू ने अपने घर बुलवाकर अपनी पत्नी से भी सिफारिश करवाई थी, जो अभी काफी बीमार है इस कारण मैंने दया करके उसे गलत शपथ पत्र दे दिया।

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