प्रधानमंत्री आर्दश ग्राम योजना की जिला अभिसरण समिति की बैठक सम्पन्न

प्रधानमंत्री आर्दश ग्राम योजना की जिला अभिसरण समिति की बैठक सम्पन्न
योजना से सभी संबंधित अधिकारी आर्दश ग्रामों में जाकर विभागीय उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का ले जायजा- कलेक्टर
शहडोल।कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला प्रधानमंत्री आर्दश ग्राम योजना डाॅ0 सतेन्द्र सिंह की उपस्थित में प्रधानमंत्री आर्दश ग्राम योजना अन्तर्गत जिला अभिसरण (परामर्श दात्री) समिति की बैठक कलेक्टर सभागार में आयोजित की गई।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पार्थ जायसवाल, उप संचालक कृषि जे.एस. पेन्द्राम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 राजेश पाण्डेय, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आर.के.श्रौती, कार्यपालन यंत्री पी.एच.ई. एच. एस. धुर्वे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पी.डब्ल्यू.डी. डी.के. खरे, सहायक संचालक मत्स्य विभाग संतोष चैधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास मनोज लरोकर, एस.डी.ओ.डब्ल्यू एम.एल. मिश्रा, टीडीएम बीएसएनएल ए.के. सल्लाम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बुढार आर.के पाण्डेय एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत जयसिंहनगर श्री दिवाकर सिंह सहित अन्य विभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थें।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रौती ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पोषित इस आर्दश योजना में जिले के बुढ़ार जनपद के जमगांव एव जयसिंहनगर जनपद के ग्राम मुदारिया टोला (वनसुंकली) का चयन किया गया है। आर्दश ग्राम योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति वाले ग्रामों में समैकित विकास किया जाना है। जिला ट्रेनर संजय पाण्डेय ने बताया कि इस योजनान्तर्गत 10 घटकों में समैकित विकास किया जाना है, जिसमें पेयजल एवं स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पोषण ग्रामीण सड़क एवं आवास, विद्युतीकरण, स्वच्छ ईधन, डिजटलीकरण, शिक्षा, सामजिक सुरक्षा पेंशन, उन्नतशील खेती, वित्तिय समावेशन एवं आजिविका एवं कौशल विकास आदि शामिल है। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त एवं सचिव प्रधानमंत्री आर्दश योजना आर.के. श्रौती को निर्देशित किया कि चिन्हित आदश ग्रामों में एक-एक नोड़ल अधिकारी की नियुक्ति करें।
कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला प्रधानमंत्री आर्दश ग्राम योजना डाॅ. सतेन्द्र सिंह ने कहा कि इस योजना से संबंधित सभी जिला अधिकारी टीम बनाकर उक्त ग्रामों में भ्रमण कर सभी संभावनाओं को तलाशे साथ ही इससे ग्रामवासियों को शासन के मंशानुसार शासन की जनहितकारी योजना का लाभ मिल सकें, साथ ही यह भी सत्यापित करे कि उनके विभाग से संबंधित क्या सुविधाएं एवं सेवाएं उपलब्ध है और क्या सुविधाएं और सेवाओं की आर्दश ग्रामों में आवश्यकता है, का आकलन करे।
कलेक्टर ने कहा कि ग्रामों में मुख्यतः हैण्डपंपो की स्थिति, नल जल योजना का क्रियान्वयन, स्कूल आदि की उपलब्धता, शिक्षक की उपलब्धता, शिक्षा का स्तर, शौचालय आदि की व्यवस्था, शिक्षण संस्थानों में वाउण्ड्रीवाल एवं साफ-सफाई एवं स्वच्छता आदि सुनिश्चित करें। इसी प्रकार महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संयुक्त भ्रमण कर उन ग्रामों में उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं आॅगनवाड़ी की स्थिति टीकाकरण तथा कुपोषण की स्थिति तथा एनआरसी में भर्ती मरीजों की जानकारी, आॅगनवाडियों केन्द्रों में उपलब्ध सन्दर्भ सेवाओं की स्थिति, ग्रामों में गर्भवती माताओं एवं बच्चो को मिलने वाले पोषण आहार एवं स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का मूल्याकंन करे।
इसी प्रकार उप संचालक सामाजिक न्याय, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांगों को उपलब्ध व्हीलचेयर तथा ट्राई साईकिल आदि का वितरण के संबंध में जानकारी ले। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया कि उद्यानिकी, पशु चिकित्सा एवं अन्य संबंधित विभागों में जाकर किसानों की कृषि की स्थिति एवं उन्नतशील कृषि एवं उन्नतशील सब्जी उत्पादन की संभावनाओं को चिन्हित करने के लिए कहा गया। इसी प्रकार उन्होने कहा कि अन्य विभाग के अधिकारी सड़क, विद्युत ट्राॅन्सफारमर की स्थिति, नेट कनेक्टीविटी आदि की उपलब्धता ग्राम में पोस्ट आॅफिस एवं बैंक आदि की उपलब्धता आदि का मूल्याकंन करे।
कलेक्टर डाॅ.सतेन्द्र सिंह ने कहा कि आगामी बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा ही उन ग्रामों में किये जाने वाले कार्याें का प्रेजेण्टेशन प्रस्तुत किया जाएगा। इसलिए सभी संबंधित अधिकारी आर्दश ग्रामों में जाकर समस्त जानकारी एवं फोटोग्राफ आदि के साथ दो प्रतियों फोल्डर तैयार करें। उन्होने कहा कि आदश ग्राम योजना में इन ग्रामों में ऐसा कार्य होना चाहिए कि ग्राम में प्रवेश करते ही ये ग्राम सुख एवं समृद्वि को प्रदर्शित करें।