महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत निजी खेत में फलोद्यान परियोजना
राकेश सिंह
शहडोल । मनरेगा योजना अंतर्गत निजी खेत में फलोद्यान योजना का लाभ जिले के किसान प्राप्त कर सकते है। योजना के तहत अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति, घुमन्तू जनजाति, अधिसूचना में से निकाली गई अनुसूचित जनजाति, अन्य बी.पी.एल. परिवार, ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिला हो, ऐसे परिवार जिनके मुखिया विकलांग हो, भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार, इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम 2006 (2 व 2007) अंतर्गत लाभान्वित हक प्रमाण-पत्र धारक, ग्राम पंचायत अंतर्गत उपरोक्त श्रेणी के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने के उपरांत, लघु व सीमान्त कृषक (कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 में यथा परिभाषित) को लाभान्वित किया जायेगा। योजना के तहत फलोद्यान लगाने वाले चयनित हितग्राही को फ्रेसिंग एवं पानी की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। कृषक द्वारा पौधों की व्यवस्था स्वयं करनें पर उन्हें सामग्री मद से देय राशि का संपूर्ण भुगतान किया जाएगा। यदि पौधो की व्यवस्था उद्यानिकी विभाग , जनपद पंचायत या जिला पंचायत द्वारा की जाती है तो सामग्री भुगतान की राशि में से पौधों के मूल्य की राशि काटकर सीधे प्रदायकर्ता के खाते में अंतरित की जाएगी। योजना के तहत प्रति एकड़ तीन वाय तीन मीटर के अंतराल में 400 पौध नीबू, अमरूद, अनार, मुनगा आदि के रोपित किए जायेगे। इसी तरह चार वाय चार मीटर की दूरी पर प्रति एकड़ 250 पौध ग्राफटेड संतरा , आम जामुन, कटहल , आंवला, नींबू, अंगूर , सीताफल एवं बेर के पौध रोपित करनें तथा 6 वाय 6 मीटर की दूरी पर प्रति एकड़ 100 पौध आम, आंवला, कटहल, बैर, जामुन , चीकू आदि के रोपित किए जा सकेगे। परियोजना अवधि तीन वर्ष की होगी। परियोजना की मानक लागत 400 पौध प्रति एकड़ पर दो लाख 12 हजार रू0 होगी जिसमें कृषक अंश91 हजार 829 रू0, एक एकड़ में 250 पौध रोपित करनें पर परियोजना लागत एक लाख 89 हजार रूपये तथा कृषक अंश 51 हजार 829 रूपये तथा प्रति एकड़ 100 फलदार पौध रोपित करनें पर परियोजना लागत एक लाख 60 हजार रूपये एवं कृषक अंश 51 हजार 829 रूपये होगा।