राकेश सिंह
शहडोल । पशुपालन एवं सामाजिक न्याय मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा है कि गौ-शालाओं के निर्माण के साथ-साथ गौवंश की सुरक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिये स्थानीय स्तर पर पंचायत और नगर पालिका को जिम्मेदारी दिये जाने के लिये कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। श्री पटेल मंत्रालय में पशुपालन विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पशुपालन विभाग के अंतर्गत गौ-शालाओं और अन्य विभागीय योजनाओं को जिला पंचायतों की होने वाली बैठकों के स्थाई ऐजेन्डा में रखा जायें जिससे इन योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर सतत मॉनिटरिंग भी की जा सके। मंत्री श्री पटेल ने कुक्कट व्यवसाय को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिये। अपर मुख्य सचिव, पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया ने पशुपालन विभाग में संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर पशुओं की सगणना 2012 के बाद 20वीं पशु संगणना पिछले वर्ष 2019 में हुई। इसमें प्रदेश के सभी जिलों में 4 करोड़ 6 लाख पशुधन पाए गए जो पिछली संगणना से 11.81 फीसदी ज्यादा है। इस तरह 1 करोड़ 66 लाख 59 हजार कुक्कटों की संख्या है जो पिछले संगणना की तुलना में तकरीबन 40 फीसदी अधिक है।
संचालक, पशुपालन श्री आर.के रोकड़े ने बताया कि राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद में पशुपालन का योगदान 6.91 प्रतिशत जबकि प्रदेश में पशुपालन का योगदान 6.91 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर कृषि के सकल घरेलू उत्पाद क्षेत्र में 28.40 प्रतिशत और प्रदेश में 17.50 प्रतिशत पशुपालन का योगदान है।

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