परम धर्म सांसद ने सरकार की धार्मिक कार्यशैली पर साधा निशाना

अमरकंटक। शहडोल संभाग के परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने मोदी सरकार की धार्मिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए अपने परम पूज्य गुरुदेव स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के कथनानुसार अयोध्या राम मंदिर निर्माण की तिथि को गलत बताया है साथ ही सरकार पर धार्मिक कार्यों में दखल देने के आरोप भी लगाये है। शहडोल संभाग के पवित्र धाम अमरकंटक की पावन धरा पर माँ नर्मदा की भक्ति में लीन परम् धर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने मोदी सरकार की धार्मिक कार्यों में दखलंदाजी को गलत बताया है और आरोप लगाया है कि धार्मिक कार्यों के लिए सनातन धर्म की रक्षा के लिए बनाए गए पीठ के पीठाधीश्वर और जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जी से राम लला के मंदिर निर्माण की तिथि निर्धारण के विषय में विचार किया जाना चाहिए था और राम मंदिर निर्माण कमेटी में इनका स्थान सर्वोपरि होना चाहिए। श्रीधर शर्मा ने इस धार्मिक कार्यशैली की कडी आलोचना की है।
5 अगस्त को नही मुहुर्त: शंकराचार्य
धर्म सांसद श्री शर्मा ने परम पूज्य गुरुदेव स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के कथनानुसार जानकारी देते हुए बताया कि राम मंदिर की अगस्त 2020 को शिलान्यास की घोषणा की गई है। विदित हो कि 5 अगस्त 2020 को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है। विष्णु धर्म शास्त्र में स्पष्ट कहा गया है कि प्रोष्ठपादे विनश्यति माने भाद्रपद मास में किया गया शुभारंभ विनाश का कारण होता है। उन्होंने कहा कि वास्तु शास्त्र का कथन है कि भाद्रपदे न कुर्यात सर्वथा गृहम्। दैवज्ञ बल्लभ नाम के ग्रंथ में कहा गया है क्ि नि: स्वं भाद्रपदे अर्थात भाद्रपद में किया गया गृहारंभ निर्धनता लाता है। वास्तु प्रदीप भी इसी बात को अपने शब्दों में हानिर्भाद्रपदे तथा में कहता है। वास्तु राजबल्लभ का वचन भी देखिए जो शून् भाद्रपदे अर्थात भाद्रपद का आरंभ शून्य फल देता है, कहकर भाद्रपद में इसका निषेध करता है।
5 अगस्त को भाद्रपद महीना है, श्रावण नहीं
शंकराचार्य ने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि उस दिन अभिजित मुहूर्त होने के कारण शुभ मुहूर्त है, लेकिन यह बात वही कह सकताी है जिसे इस बारे में कुछ भी पता न हो। क्योंकि थोड़ी ज्योतिष जानने वाले भी जानते हैं कि बुध्वार को अभिजित निषिद्ध है। मुहूर्त चिंतामणि के विवाह प्रकरण में बुधे चाभिजित्स्यात मुहूर्ता निषिद्धा: कहकर बुधवार को अभिजित का सर्वथा निषेध कर दिया है। यह कहना भी बरगलाना ही है कि कर्क का सुर्य रहने तक शिलान्यास हो सकता है जबकि श्रवणे सिंहककयो: गह अपवाद श्रावण महीने तक के लिए है, भाद्रपद के लिए नहीं। जबकि 5 अगस्त को भाद्रपद महीना है, श्रावण नहीं।
48 मिनट का एक गृहारंभ नहीं बनता
इसी के आगे के ओक में कहा है भाद्रे सिंहगते है, इसीलिए ज्योतिष को वेदांग कहा गया है। इसीलिए माने कुछ विद्वानों का मत है कि भाद्र में सिंह राशिगत सनातन धर्म का प्रत्येक अनुयायी अपने कार्य उत्तम सूर्य हो तो हो सकता है पर इन कुछ विद्वानों के मत कालखंड में आरंभ करते हैं, जिसे शुभ मुहूर्त के नाम में भी कर्क के सूर्य होने पर भाद्रपद में भी शिलान्यास से जाना जाता है। ज्योतिषपीठाधीश्वर ने कहा कि मुहूर्त वैसे तो दो घटी अर्थात 48 मिनट का एक गृहारंभ नहीं बनता है। इसलिए इस घोषित तिथि में शुभ मुहूर्त कतई ना होने कालखंड है जो सूर्योदय से आरंभ होकर दिन के के कारण इस अवसर पर किया गया आरंभ देश को छोटे-बड़े होने के कारण 15 या 16 बार दोहराता है बड़ी चेट पहुंचाने वाला हो सकता है। उन्होंने कहा और ऐसा ही रात्रि में भी होता है। अत: एक सूर्योंदय कि काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास वाराणसी। ज्योतिषपीठाधीश्वर एवं द्वारका से दूसरे सूर्योदय के बीच के अंतराल में 30-32 के मंदिरों को तोड़ते समय भी हमने चेताया था कि शारदापीठधीश्वर जगद्ुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद मुहूर्त होते हैं ।
दुखी है सनातनी समाज
निर्माण के आरंभ का कोई मुहूर्त नहीं है, सनातन धर्म के मूल आधार वेद हैं, वेदें के अनुसार करने वाला सनातनी समाज आज दु:खी है कि पूरे के अनुसार ही बनाया जाना चाहिए। किए गए कर्म यज्ञ कहे जाते हैं जो पूर्णतया काल देश के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र राममन्दिर पर ऐसा न करके मनमानी किए जाने से यह आशंका
गणना पर आधारित हैं। काल गणना और कालखंड बिना शुभ मुहूर्त के आरंभ होने जा रहा है। जैसा कि स्पष्ट हो रही है कि वहां मंदिर नहीं संघ कार्यालय विशेष के शुभ-अशुभ का ज्ञान ज्योतिष शास्त्र से होता है, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के माध्यम से आगामी 5 बनाया जा रहा है।