शहडोल सहित अन्य विकास खण्डो में चल रहा प्रोत्साहन की राशि में खेल

(Amit Dubey+8818814739)
शहडोल। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में प्रसूताओं को चिन्हित करने, उनका अस्पताल में लाकर सुरक्षित प्रसव कराने के अलावा नसबंदी जैसे परिवार नियोजन व स्वास्थ्य से जुड़े दर्जनों कार्याे का निर्वहन इनसे करवाया जाता है। शासन ने इनका कोई निर्धारित वेतन तो तय नहीं किया, लेकिन कार्य के हिसाब से इन्हें भुगतान करने के आदेश हैं, जिस राशि को प्रोत्साहन राशि की संज्ञा दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से इनके कार्याे की निगरानी की जाती है और मुख्यालय सहित समूचे जिले में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो के माध्यम से इनके कार्याे का अवलोकन करने के बाद भुगतान किया जाता है, आरोप हैं कि जिले में लगभग बीते 1 साल से फर्जी आंकड़ों के दम पर संबंधित विभाग के अधिकारी और कार्यालयों में बैठे बाबू-आशा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लाखों का खेल-खेल रहे हैं।
एक माह का वेतन 19 हजार
मुख्यालय के वार्ड नंबर 32 में रहने वाली मालती गुप्ता नामक आशा कार्यकर्ता को विभाग द्वारा किये गये भुगतान के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार महज फरवरी-मार्च माह के दौरान उन्हें 19 हजार का भुगतान एक माह के एवज में किया गया। इस दौरान मालती गुप्ता ने किन-किन महिलाओं का प्रसव कराया, यही नहीं खबर तो यह भी है कि इस दौरान आशा कार्यकर्ता की खुद डिलेवरी हुई थी, प्रसव काल के दौरान उन्होंने मैदानी स्तर पर इतना काम कर लिया कि उन्हें 19 हजार रूपये महज 30 दिनों की प्रोत्साहन राशि दी गई।
दर्जनों आशाओं के खाते कटघरे में
संभागीय मुख्यालय में लगभग 27 आशा कार्यकर्ताएं इन दिनों सेवाएं दे रही हैं, मुख्यालय से सटे ग्रामीण अंचलों के अलावा जिले के पांचों विकास खण्डों में इनकी संख्या सैकड़ों में है, कार्य के हिसाब से यदि उन्हें दिये गये प्रोत्साहन राशि का तुलनात्मक अध्ययन किया जाये तो, यह बात खुद सामने आ जायेगी कि एक माह में उन्होंने कितने प्रसव कराये, यही नहीं शासन द्वारा दर्जनों मदों में कार्य के हिसाब से तय की गई प्रोत्साहन राशि के बनाये गये बाउचर पर नजर डाली जाये तो, आशा कार्यकर्ता को जितना भुगतान वर्तमान में किया जा रहा है, उतना एक आशा कार्यकर्ता तो दूर, उस कार्य को दो से तीन आशा कार्यकर्ताएं मिलकर ही शायद कर पायें।
मनमर्जी के भुगतान बाउचर
मुख्यालय में एलडीसीएमआईएस के पद पर कार्यरत राकेश सिंह नामक सुपर वाईजर इन दिनों मुख्यालय सहित लगभग जिले में पदस्थ आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान के बाउचरों का जिम्मा उठाये हुए हैं, जिन बाउचरों पर आशा कार्यकर्ताओं को वर्तमान में भुगतान किया जा रहा है, उन पर नजर डाली जाये तो, वरिष्ठ अधिकारियों के हस्ताक्षर कुछ में ही मिलते हैं, बाकी का खेल राकेश सिंह खुद खेल रहे हैं।
दर्जनों मदों में हुआ भुगतान
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में जन्म मृत्यु पंजीयन के अलावा विवाह पंजीयन, गर्भवती महिला का पंजीयन, बच्चों के टीकाकरण की सूची व बैठक व बैठकों की समीक्षा के अलावा गर्भस्थ महिलाओं से संदर्भित टीके, उनकी सूची बनाना, नवजात बच्चों की देखभाल, उन्हें टीका लगाना, यही नहीं परिवार कल्याण से संदर्भित नसबंदी के साथ ही दर्जनों ऐसे कार्य हैं, जिनका भुगतान किया जाना है, शासन की इन्हीं सुविधाओं का फायदा उठाकर हितग्राहियों की महज जानकारी इक_ा कर बिल-बाउचर भरे जा रहे हैं, जनप्रिय कलेक्टर व संभागायुक्त अगर बिल-बाउचरों का भौतिक सत्यापन करवायें तो, लाखों का घोटाला उजागर हो सकता है।